लॉर्ड्स में शनिवार (12 जुलाई) को तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन आखिरी पांच मिनट में इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाज जैक क्रॉली और भारतीय खिलाड़ियों के बीच हुआ हाई-वोल्टेज ड्रामा काफी चर्चा में है। दुनिया भर से इस पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने इस पूरे मामले पर खुलकर बात की और कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से इंग्लैंड के प्रमुख खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।

गावस्कर ने कमेंट्री के दौरान कहा, “ऐसा होने की एक वजह है। वो ये कि इंग्लैंड के ज्यादा खिलाड़ी आईपीएल में नहीं खेल रहे हैं। यह मेरा विचार है। इस इंग्लैंड टीम से, जो रूट नहीं खेले, बेन स्टोक्स नहीं खेले। इनमें से ज्यादातर इंग्लिश खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग में नहीं खेलते। दूसरी टीमों के साथ हुआ यह है कि उनके कई खिलाड़ी आईपीएल में हैं। वे भारतीय खिलाड़ियों के साथ घुल-मिल गए हैं, उनके साथ यात्रा की है। उन्होंने चेंजिंग रूम शेयर किया है। आप दूसरे देशों के खिलाड़ियों को टी20 लीग में प्रतिस्पर्धा करते हुए देखते हैं और जब वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के खिलाफ खेलते हैं तो दोनों टीमों के क्रिकेटरों के बीच कोई मुकाबला नहीं होता।”

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आईपीएल में न खेलना टकराव का कारण

गावस्कर ने आगे कहा, “दूसरी ओर, हम भारतीय और इंग्लिश खिलाड़ियों के बीच ऐसा होते नहीं देखते। मैं यही कहता रहा हूं कि आईपीएल से पहले, कुछ खिलाड़ियों के बीच काफी दुश्मनी थी, जो क्रूरता की हद तक पहुंच गई थी। वह तीव्रता अब भी मौजूद है, जैसे आर्चर का यशस्वी को गेंदबाजी करना। भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच काफी टकराव होता है क्योंकि वे आईपीएल में नहीं खेलते।”

क्रॉली को फिजियो को बुलाने का अधिकार

इंग्लैंड और क्रॉली के इरादों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “…इंग्लैंड इसे आखिरी ओवर बनना चाहता था। भारतीयों को लगा कि यह उनकी चाल है। शायद ऐसा ही था।” सुनील गावस्कर ने तीसरे दिन के खेल खत्म होने के बाद ऑन एयर कहा, “जैक क्रॉली को फिजियो को बुलाने का अधिकार है क्योंकि दर्द एक व्यक्तिगत मामला है। भारतीय बल्लेबाजों को भी यही रणनीति अपनानी चाहिए। वे ऐसा नहीं करते।”