अगर कोई शुभमन गिल का रिकॉर्ड 32 टेस्ट की 59 पारियों में 35.05 के औसत से 1893 रन बताए तो भरोसा नहीं होगा। मानें या न मानें इंग्लैंड दौरे से पहले गिल का रिकॉर्ड ऐसा ही था। भारत का कप्तान बनने और बल्लेबाजी पोजिशन बदलने के बाद सिर्फ 4 पारी में 35 का औसत 42 का हो गया। गिल ने सिर्फ 4 पारी में आलोचकों को शांत कर दिया है। गिल के 34 मैच की 63 पारी में 42.72 के औसत से 2478 रन हो गए हैं।
147,8,269 और 161 रन की पारी ने टेस्ट क्रिकेट में शुभमन गिल के सुनहरे दिन के आगमन के संकेत दे दिए हैं। भारतीय क्रिकेट के ‘प्रिंस’ शुभमन गिल के बेहतरीन प्रदर्शन से ‘किंग’विराट कोहली भी गदगद हैं। कोहली ने गिल के लिए शनिवार (5 जुलाई) को इंस्टग्राम पर स्टोरी भी लगाई। मई में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले कोहली ने गिल को स्टार बॉय बताया। साथ ही कहा कि वे इसके हकदार हैं।

150 साल के इतिहास में पहले बल्लेबाज
क्रिकेट के 150 साल के इतिहास में किसी भी बल्लेबाज ने एक ही टेस्ट मैच में दोहरा शतक और 150 से ज्यादा रन नहीं बनाए हैं। शुभमन गिल ने एजबेस्टन में ऐसा किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी एलन बॉर्डर से एक बेहतर प्रदर्शन किया, जिन्होंने दो बार 150 रन बनाए थे। किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने एक भी टेस्ट में 430 रन नहीं बनाए थे। गिल ने 1971 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में सुनील गावस्कर के 344 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
जीवन के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में
विराट के ‘स्टार बॉय’ की इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी भी प्रशंसा कर रहे हैं। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा, “पहले टेस्ट में शतक, दूसरे में दोहरा शतक और शतक। भारतीय कप्तान अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं। गिल ने दोनों पारियों में कोई मौका नहीं दिया और आकर्षक दिखे।”
ड्रेसिंग रूम में सम्मान बढ़ेगा
पहले टेस्ट में भारत की करीबी हार के बाद शुभमन गिल ने दूसरे टेस्ट में अकेले दम पर अपनी टीम को जीत की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। इससे नए कप्तान को ड्रेसिंग रूम में लीडर के तौर पर सम्मान मिलेगा। एजबेस्टन में गिल ने टेस्ट मैच की बल्लेबाजी और टी20 क्रिकेट का भी टच दिखाया और विदेश में सम्मान प्राप्त किया।
ब्रॉडकास्टर को मिल गया नया स्टार
पिछले टेस्ट में भारत की हार के बाद ब्रॉडकास्टर कोहली की पारी के दोबारा प्रसारण करते रहे। अब उन पुराने टेप को आर्काइव में डाल दिया जाएगा क्योंकि उन्हें एक ऐसा सितारा मिल गया है, जो मैच के घंटों के बाद भी टेलीविजन सेट को चालू रखने के लिए मजबूर करने में सक्षम है। शुभमन के पास ऐसा स्ट्रोक रेंज है, जो खेल के पारखी, टेस्ट मैच देखने वालों और यहां तक कि चौके और छक्के देखने वालों को भी अपनी सीटों से चिपकाए रख सकता है।