टीम इंडिया की टेस्ट कप्तानी अब शुभमन गिल के कंधों पर है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद भारत एक नए युग में कदम रख रहा है और इस परिवर्तन की बागडोर 25 वर्षीय गिल को सौंपी गई है। इंग्लैंड दौरे पर 20 जून से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से इस बदलाव की शुरुआत होगी।

सिर्फ 25 साल की उम्र में कप्तान बनने वाले गिल, सचिन तेंदुलकर के बाद भारत के सबसे युवा टेस्ट कप्तान बन गए हैं। उनसे पहले मंसूर अली खान पटौदी (21), कपिल देव (24), रवि शास्त्री (25, लेकिन गिल से 55 दिन छोटे) और सचिन (23) इस सूची में शामिल हैं।

तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को स्थायी कप्तानी की जिम्मेदारी नहीं दी गई, क्योंकि चयनकर्ताओं ने “वर्कलोड मैनेजमेंट” को इसकी वजह बताया है। मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर ने साफ कर दिया कि बुमराह इंग्लैंड दौरे के सभी टेस्ट नहीं खेलेंगे।

गिल के सामने कई चुनौतियां

इस सीरीज में टीम के अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में गिल को एक युवा और अनुभवहीन टीम की अगुवाई करनी होगी। अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, मोहम्मद शमी फिट नहीं हैं और मिडिल ऑर्डर में दो नए चेहरों- अभिमन्यु ईश्वरन और साई सुदर्शन को मौका मिल सकता है। इस दौरे के लिए ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाया गया है।

गिल को शुरुआत से ही अहम फैसले लेने होंगे, जैसे कि यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग में किसे मौका मिले – सुदर्शन, ईश्वरन या फिर केएल राहुल को। गेंदबाजी में बुमराह की अनुपस्थिति में मोहम्मद सिराज आक्रमण की अगुवाई करेंगे, जबकि उनके साथ आकाश दीप, नितीश रेड्डी, प्रसिद्ध कृष्णा और अर्शदीप सिंह विकल्प होंगे। आगरकर ने माना कि यह चुनौती आसान नहीं होगी। उन्होंने कहा, “यह सबसे कठिन दौर में से एक है, शायद गिल को मैदान पर ही सीखना होगा।”

खुद की फॉर्म भी गिल को जरुरी

गिल को यह जिम्मेदारी पिछले दो सालों में उनके प्रदर्शन को देखते हुए दी गई है। आगरकर ने बताया कि चयन समिति ने स्थायी कप्तान की तलाश की थी, न कि एक या दो सीरीज के लिए किसी को आजमाने की सोच रखी थी। उन्होंने कहा, “हमने सभी विकल्पों पर चर्चा की लेकिन ड्रेसिंग रूम से मिली प्रतिक्रियाओं के आधार पर गिल पर भरोसा जताया गया।”

गिल ने पांच साल पहले टेस्ट डेब्यू किया था और अब तक 31 मैचों में 1,893 रन बना चुके हैं। हालांकि पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वह सिर्फ तीन मैचों में खेले थे और कोई बड़ी पारी नहीं खेल सके थे। वह मेलबर्न टेस्ट में बाहर थे और सिडनी टेस्ट में रोहित की गैरमौजूदगी के कारण वापस टीम में आए थे। अब गिल को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अगले चक्र में टीम का नेतृत्व करना होगा – वो खिताब जिसे भारत आज तक नहीं जीत पाया है। इससे पहले वह जिम्बाब्वे के खिलाफ पांच टी20 मैचों में भारत की कप्तानी कर चुके हैं और आईपीएल में गुजरात टाइटंस का नेतृत्व भी कर चुके हैं।

गिल के गांव में जश्न का माहौल

पंजाब के फाजिल्का जिले के सीमावर्ती गांव चक खेरेवाला से ताल्लुक रखने वाले शुभमन की कप्तानी की घोषणा होते ही गांव की गलियों में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि उनका परिवार इस समय मीडिया से दूरी बनाए हुए है। इस सीमावर्ती इलाके ने हाल में भारत-पाक तनाव के दौरान ब्लैकआउट और ड्रोन गतिविधियों का सामना किया था। ओलंपिक शूटर अर्जुन बबूता की मां और लेखिका दीप्ति बबूता का मानना है कि “सीमा गांवों की कठिन परिस्थितियां ही ऐसे खिलाड़ी पैदा करती हैं, जिनमें संघर्ष करने की ताकत होती है।”

करीब 18 साल पहले शुभमन के माता-पिता और बहन उनके बेहतर क्रिकेट प्रशिक्षण के लिए मोहाली शिफ्ट हो गए थे। उस वक्त गांव वालों ने ताने दिए थे कि कोई इतना पैसा और समय क्रिकेट के लिए क्यों खर्च करता है। लेकिन उनके परिवार ने कभी हार नहीं मानी। शुभमन की बुआ गुरप्रीत संधू बताती हैं, “आज मेरे पिता और भाई के लिए सबसे गर्व का दिन है कि शुभमन भारत की कप्तानी कर रहा है।”

गिल ने अब गांव के बच्चों के सपनों को संजीवनी देने का काम किया है। पिछले साल उन्होंने नेट्स और अन्य सुविधाओं के लिए 3.5 लाख रुपये दिए थे। गांव पंचायत द्वारा दिए गए मैदान पर ‘जैमल वाला क्रिकेट अकादमी’ चलाने वाले गुरप्रीत सिंह बताते हैं कि अब यहां बच्चों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

फाजिल्का क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव सुरिंदर छिंदी के अनुसार, गांव के पास एक नया क्रिकेट स्टेडियम भी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अब ज्यादा से ज्यादा माता-पिता अपने बच्चों को क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं, शुभमन की सफलता से उन्हें नई प्रेरणा मिली है।”