शशांक मनोहर ने बुधवार को इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया। वह तीसरी बार दो साल का कार्यकाल विस्तार नहीं चाहते थे। आईसीसी के बयान के मुताबिक, डिप्टी चेयरमैन इमरान ख्वाजा को चुनाव तक अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है।
आईसीसी के नियमों के अनुसार, शशांक मनोहर दो और साल के लिए अपने पद पर रह सकते थे, क्योंकि अधिकतम तीन कार्यकाल की स्वीकृति है। पेशे से वकील 62 साल के मनोहर इससे पहले 2008 से 2011 तक भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष भी रहे। आईसीसी बोर्ड के अगले हफ्ते तक अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को स्वीकृति देने की उम्मीद है।
माना जा रहा है कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख कोलिन ग्रावेस (Colin Graves) उनकी जगह लेंगे। हालांकि, हॉन्गकॉन्ग के इमरान ख्वाजा का नाम भी इस पद की दौड़ में था, लेकिन माना जाता है कि उन्हें पूर्णकालिक सदस्यों का समर्थन नहीं है। सूत्रों का कहना है कि ग्रावेस को सभी प्रमुख टेस्ट देशों का समर्थन हासिल है।
इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज कोलिन ग्रावेस की दावेदारी के पक्ष में है। उनके भारतीय बोर्ड से भी अच्छे संबंध हैं। हालांकि, बीसीसीआई ने अभी खुलकर उनकी दावेदारी का समर्थन नहीं किया है। समझा जाता है कि मनोहर की तुलना में ग्रावेस के साथ बीसीसीआई के संबंध अच्छे रहेंगे। दरअसल, विदर्भ के शशांक मनोहर को बीसीसीआई हमेशा ही पेशोपेश में रहा। उनका रवैया कइयों को भारतीय बोर्ड के खिलाफ लगता था। मनोहर पर आरोप लगता रहा है कि एन. श्रीनिवासन के समय में उन्होंने भारतीय हितों की अनदेखी की।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु साहनी ने शशांक मनोहर को ‘उनकी नेतृत्व क्षमता और आईसीसी चेयरमैन के रूप में उन्होंने खेल के लिए जो भी किया’ उसके लिए धन्यवाद दिया। दूसरी तरफ ख्वाजा ने कहा कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष मनोहर खेल को बेहतर स्थिति में छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि शशांक ने खेल के लिए जो किया उसके लिए क्रिकेट उनका आभारी है। उन्हें आईसीसी और क्रिकेट जिस स्थिति में मिला था उन्होंने इसे उससे बेहतर बनाकर छोड़ा है।’