भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने शशांक मनोहर को एंटी-इंडियन करार दिया है। शशांक मनोहर ने बुधवार को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था। श्रीनिवासन ने दावा किया है उन्होंने पद छोड़ा नहीं, बल्कि वह भाग रहे हैं। श्रीनिवासन ने कहा कि बीसीसीआई के खुद अध्यक्ष रह चुके शशांक मनोहर ने भारतीय क्रिकेट को बहुत नुकसान पहुंचाया और विश्व क्रिकेट में भारत के प्रभाव को कम किया।
श्रीनिवासन ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘शशांक को पता है, बीसीसीआई का जो नया नेतृत्व है, उसके रहते वह आईसीसी में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते और अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल नहीं कर सकते। उन्हें पता था कि उनके पास कोई मौका नहीं था (पद पर बने रहने का) और इसलिए उन्होंने पीछा छुड़ाया है।’
शशांक मनोहर ने 2015 में पहली बार अध्यक्ष के रूप में क्रिकेट की वैश्विक संस्था (आईसीसी) की कमान संभाली थी। उन्होंने दो साल के दो कार्यकाल के बाद बुधवार को पद छोड़ दिया। आईसीसी के बयान में कहा गया था कि वह तीसरी बार दो साल का कार्यकाल विस्तार नहीं चाहते थे। आईसीसी के नियमानुसार, शशांक मनोहर दो और साल के लिए अपने पद पर रह सकते थे, क्योंकि अधिकतम तीन कार्यकाल की स्वीकृति है। पेशे से वकील शशांक मनोहर 2008 से 2011 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे थे।
श्रीनिवासन ने कहा, ‘मेरा निजी विचार है कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट को इतना नुकसान पहुंचाया है कि भारतीय क्रिकेट में शामिल हर व्यक्ति उनके आईसीसी से बाहर निकलने से बहुत खुश होगा।’ श्रीनिवासन ने कहा, ‘जब 2015 में बीसीसीआई परेशानियों में घिरा था तब वह भागकर आईसीसी में चले गए। जब पूरी दुनिया कोरोना संकट का सामना कर ही है तो बीच राह में आईसीसी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देकर भाग गए।’
श्रीनिवासन ने कहा, ‘उन्हें आईसीसी में भारत की संभावनाओं को आहात किया है। उनका रुख भारत विरोधी था। उन्होंने विश्व क्रिकेट में भारत के महत्व (असर) को कम किया है। अब वह इसलिए आईसीसी से भाग रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि मौजूदा भारतीय नेतृत्व उनके सामने नहीं झुकेगा। उन्होंने क्रिकेट को भारी क्षति पहुंचाई है।’