पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद की भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को लेकर विवादित टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। योगराज ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो शमा को भारतीय कप्तान के बारे में उनकी टिप्पणी के लिए देश छोड़ने के लिए कहते। भारत के पूर्व क्रिकेट हरभजन सिंह ने भी गुस्सा जाहिर किया। शमा मोहम्मद ने रोहित की फिटनेस पर सवाल उठाया था। कहा था कि उन्हें वजन कम करने की जरूरत है। उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर “मोटा” बताया था। उन्होंने उन्हें भारत का “सबसे अप्रभावी कप्तान” भी कहा था।
शमा मोहम्मद को लेकर योगराज ने कहा, ” एक बात कहना चाहता हूं और एक बात यह है कि जिसका काम उसी को साजे दूजा करे तो ठेंगा बाजे। हमारे देश के लोग इस देश में रहते हुए हमारे खिलाड़ियों और हमारे देशवासियों के बारे में बुरा नहीं कह सकते…अगर कोई राजनीतिक व्यवस्था में बैठा हुआ उन खिलाड़ियों के बारे में बोलता है, जिन्होंने इतने सालों तक इस देश को गौरव दिया है…तो उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
ऐसे लोगों को इस देश में रहने का कोई अधिकार नहीं
योगराज ने कहा, “ऐसे लोगों को इस देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है…क्रिकेट हमारा धर्म है…जो भी सांसद हैं…वह महिला हमारी मां या बेटी की तरह हैं, जिसका हम सम्मान करते हैं…लेकिन यह ऐसा है जैसे एक मां अपने बेटे को जन्म देने के बाद मार दे, एक बहन अपने भाई की राखी बांधने के बाद उसे तोड़ दे और एक बेटी अपने पिता को घर से निकाल दे, ऐसा ही लगता है।”
बोरिया-बिस्तर पैक करने और देश छोड़ने के लिए कहता
योगराज ने कहा, “कार्रवाई होनी चाहिए…किसी को भी अपने देशवासियों और खिलाड़ियों के खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं है। इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और जो लोग ऐसा कर रहे हैं उन्हें इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने में शर्म आनी चाहिए…अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो मैं उनसे अपना बोरिया-बिस्तर पैक करने और देश छोड़ने के लिए कहता। प्रधानमंत्री को उनसे कहना चाहिए कि या तो माफी मांगो या देश छोड़ दो…अगर वह पुरुष होते तो मैं दूसरे लहजे में बात करता और पंजाबी या हिंदी या किसी भी भाषा में समझता… लेकिन वो बेटी के बराबर हैं, मैं उनसे क्या कहूं…। “
हरभजन सिंह ने क्या कहा?
हरभजन सिंह ने कहा, “रोहित शर्मा के बारे में जो कुछ भी कहा गया है, उसपर मैं यही कहना चाहता हूं कि वो ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने देश की इतनी सेवा की है और वो अभी भी टीम का नेतृत्व अच्छे से कर रहे हैं…मुझे नहीं लगता कि किसी को उनकी फिटनेस के बारे में बात करने का अधिकार है। अगर उनकी फिटनेस अच्छी नहीं होती तो वो टीम का हिस्सा नहीं होते…टीम में आने के लिए आपको कई स्तरों की फिटनेस से गुजरना पड़ता है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वो फिटनेस कोच हैं, बीसीसीआई अध्यक्ष हैं या किसी खेल से जुड़ी हैं, जहां उन्हें फिटनेस के बारे में पता हो…मुझे लगता है कि उन्हें फिटनेस के मापदंडों के बारे में पता नहीं है। तथ्यों को जाने बिना, मुझे नहीं लगता कि किसी को भी बात करनी चाहिए…।” पूरा विवाद जानने के लिए क्लिक करें।