पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी भारत के खिलाफ अक्सर आग उगलते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद भारतीय क्रिकेटरों ने उनकी जमकर लताड़ लगाई थी। हरभजन सिंह ने तो उन्हें हद में रहने की चेतावनी भी दी थी। साथ ही उनसे दोस्ती भी तोड़ ली है। हालांकि, पाकिस्तान का ये क्रिकेटर खुद कितना पाक-साफ है इसका उदाहरण यूट्यूब पर वायरल हो रहे एक पुराने वीडियो में साफ देखा जा सकता है।
2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मुकाबले में अफरीदी गेंद को दांत से चबाते नजर आए थे। गेंद को चबाने के कारण अफरीदी पर दो टी20 में खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया था। बाद में उन्होंने माफी भी मांगी थी। अफरीदी ने कहा था, ‘‘मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। ये अचानक ही हो गया। मैं मैच जीतने के लिए अपने बॉलरों की मदद करना चाहता था। दुनिया में कोई ऐसी टीम नहीं है जो बॉल टैंपरिंग नहीं करती हो। मेरे तरीके गलत थे। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था और इसके लिए मैं शर्मिंदा हूं। मैं मैच जीतना चाहता था, लेकिन ऐसा करना गलत था।’’
क्रिकेट में शायद पहली बार कोई खिलाड़ी बिना किसी डर के लाइव कैमरे के सामने बॉल टैम्परिंग कर रहा था। उनके इस व्यवहार से फैंस और कमेंटेटर हैरान हो गए थे। वे खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे। बॉल बॉल टैम्परिंग को क्रिकेट में दंडनीय अपराधों में से एक माना जाता है। आईसीसी और क्रिकेट संघों को इसमें शामिल होने वाले खिलाड़ियों को दंडित या प्रतिबंधित करने का अधिकार है। कई क्रिकेटर गेंद से अनुचित लाभ हासिल करने के लिए गेंद से छेड़छाड़ करते हैं।
दो साल पहले ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरून बेनक्रॉफ्ट बॉल टैम्परिंग विवाद में फंसे थे। तत्कालीन कप्तान स्मिथ और उपकप्तान वॉर्नर पर एक-एक साल प्रतिबंध लगा था। वहीं, बेनक्रॉफ्ट को 9 महीनों के लिए प्रतिबंधित किया गया था। बाद में वर्ल्ड कप 2019 में स्मिथ और वॉर्नर ने वापसी की और दोनों टीम में अपना स्थान पक्का करने में सफल रहे। बेनक्रॉफ्ट एशेज में खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर हो गए।