40 वर्षीय स्टार भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर इसी साल ईरानी ट्रोफी में तिहरा शतक लगाने से चूक गए थे। भारत के लिए 31 टेस्ट और दो वनडे मैच खेलने वाले जाफर घरेलू क्रिकेट में आज भी रनों की बरसात कर रहे हैं। रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी वसीम जाफर के नाम है, उन्होंने अब तक 10,738 रन बनाए हैं। अपने चाचा के नक्शेकदम पर चलते हुए अब उनका भतीजा अरमान जाफर ने भी एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया। अरमान ने मुंबई की ओर से खेलते हुए 26 चौके और 10 छक्के की मदद से 367 गेंदों में नाबाद 300 रनों की पारी खेली।सौराष्ट्र के खिलाफ खेले गए इस पारी के बाद अरमान बेहद खुश नजर आए। मैच के बाद अरमान ने बताया कि उनके लिए तिहरा शतक बनाना आसान नहीं था। एक साल पहले घुटने में लगी चोट की वजह से वह मैदान से दूर हो गए थे और उन्हें अपनी वापसी का डर भी सताने लगा था। इसी दौरान भारतीय टीम के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग से हुई उनकी अचानक मुलाकात ने काफी कुछ बदल दिया।

द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार अरमान और सहवाग की मुलाकात एक होटल में हुई। यहां अरमान को देख सहवाग ने कहा, ”अरे इधर क्या कर रहा है? नेशनल क्रिकेट अकादमी बैंगलोर में जाओ।” अरमान के मुताबिक सहवाग ने इंजरी से रिकवर करने में उनकी काफी मदद की। सहवाग ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी पीवी शेट्टी से कहकर अरमान का बैंगलोर में ठहरने का इंतजाम भी करवाया।

तिहरा शतक जड़ने के बाद एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में अरमान ने कहा, ”सहवाग मेरी इतनी मदद करेंगे, कभी सोचा नहीं था। सहवाग ने मुझे कहा था कि जब तुम पूरी तरह से ठीक हो जाओ और वापस क्रिकेट खेलने लगो तो मुझे बताना। मैं अपना यह शतक उन्हें डेडिकेट करना चाहूंगा। सीके नायडू ट्रॉफी के अंडर-23 मुकाबले में खेलना सहवाग की वजह से संभव हो पाया। इंजरी के समय उन्होंने मुझे लड़कर आगे बढ़ने की हिम्मत दी।”