भारतीय घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन , करने वाले मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान को जब वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं दी गई तो इसकी काफी आलोचना की गई। कई पूर्व भारतीय क्रिकेटर्स ने इसे एक खराब फैसला बताया था और सुनील गावस्कर ने तो यहां तक कह दिया था कि क्या सरफराज खान को घरेलू क्रिकेट में रन बनाना छोड़ देना चाहिए।
इसके बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा था कि सरफराज खान को उनकी फिटनेस और मैदान पर उनके द्वारा किए गए खराब व्यवहार की वजह से टीम में उनका चयन नहीं किया गया। यही नहीं उस अधिकारी ने यह भी कहा था कि सरफराज खान के पिता और उनके कोच को भी इसका ख्याल रखना चाहिए। टेस्ट टीम की घोषणा होने के बाद सरफराज खान ने भी सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने रिकॉर्ड के आंकड़े दिखाए थे और इशारों-इशारों में सेलेक्टर्स को कहा था कि उनके साथ ज्यादती हो रही है।
दलीप ट्रॉफी 2023 के पहले सेमीफाइनल में फ्लॉप रहे सरफराज खान
खैर इन सारी घटनाओं के बाद दलीप ट्रॉफी 2023 की शुरुआत हुई और इसमें सरफराज खान को वेस्ट जोन की टीम में शामिल किया गया। वेस्ट जोन का इस टूर्नामेंट में पहला मुकाबला पहले सेमीफाइनल मैच में सेंट्रल जोन के खिलाफ हो रहा है और सरफराज खान के पास एक बार फिर से बेहतरीन मौका था कि वो अपने बल्ले से शानदार प्रदर्शन करते और भारतीय सेलेक्टर्स को रन बनाकर करारा जवाब देते, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
सरफराज खान ने इस मैच की पहली पारी में सेंट्रल जोन के खिलाफ बेहद खराब बल्लेबाजी की और वो अपना खाता तक नहीं खोल पाए। उन्होंने पहली पारी में 12 गेंदों का सामना किया और शिवम मावी की गेंद पर क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौट गए। हालांकि पहली पारी में उनकी टीम वेस्ट जोन ने 220 रन बनाए थे। इसके बाद इस मैच की दूसरी पारी में एक बार फिर से सरफराज के पास खुद को साबित करने का बेहतरीन मौका था, लेकिन उन्होंने इस दूसरे मौके को भी गंवा दिया। दूसरी पारी में भी उन्होंने 27 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 6 रन बनाए और सौरव कुमार की गेंद पर कैच आउट हो गए।
यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि सरफराज खान के पास एक नहीं बल्कि दो-दो मौके ऐसे आए जब वो अच्छी बल्लेबाजी कर सकते थे, लेकिन उनकी कोशिश शायद पर्याप्त नहीं थी। वहीं उनकी टीम के साथी खिलाड़ी व सीनियर बल्लेबाज पुजारा बेशक पहली पारी में नहीं चल पाए, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने शतक लगाया जबकि उन्हें भी टेस्ट टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। अब अगर सरफराज के मन में ये चल रहा हो कि वो रन बनाए फिर भी टीम में चयन नहीं होगा को ऐसा सोचना उनके लिए बिल्कुल घातक हो सकता है क्योंकि अगर वो रन नहीं बनाते हैं तो उन्हें इस टीम से भी बाहर किया जा सकता है साथ ही वो मुंबई की टीम से भी अपना स्थान गंवा सकते हैं। यानी किसी भी हालत में उन्हें खुद को मजबूत रखते हुए रन बनाने ही होंगे। अगर वो रन बनाते रहे और उनका व्यवहार अच्छा रहा तो हो सकता है उन्हें मौका मिल जाए, लेकिन उन्हें किसी भी कीमत पर अपने धैर्य को बनाए रखना होगा और भावनाओं पर काबू पाते हुए मैदान पर अच्छा करना ही होगा।