संजू सैमसन इन दिनों भारतीय टी20 टीम के मुख्य खिलाड़ियों में से एक हैं और एशिया कप 2025 के लिए वो टीम इंडिया की बतौर विकेटकीपर-बल्लेबाज पहली पसंद होंगे। संजू इन दिनों राजस्थान रॉयल्स को छोड़ने को लेकर काफी सुर्खियों में हैं, लेकिन इस सारी बातों के बीच उन्होंने बताया कि टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव और हेड कोच गौतम गंभीर ने किस तरह से उनका आत्मविश्वास बढ़ाया और ओपनर बल्लेबाज की भूमिका निभाने में मदद की।
टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद आया बदलाव
संजू सैमसन ने आर अश्विन के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा कि मैं टीम से अंदर-बाहर होता रहा हूं और ये बहुत लंबे वक्त से हो रहा है। ये मेरे लिए आसान नहीं था और इस तरह की बातों को महसूस करना भी मुश्किल था। मैं 8-9 साल से इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहा था, लेकिन बस 15 मैच खेले थे। मैं खुद को यकीन दिलाता रहा कि यह होगा, अलग-अलग लोगों का सफर अलग-अलग होता है और अचानक टी20 वर्ल्ड कप के बाद बदलाव आया।
7 मैचों में बतौर ओपनर खेलने दूंगा
संजू ने आगे कहा कि टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद गौतम गंभीर टीम के हेड कोच बने और सूर्यकुमार यादव टी20 टीम के कप्तान बने। मैं आंध्र में दलीप ट्रॉफी का एक मैच खेल रहा था और सूर्यकुमार यादव दूसरी टीम से खेल रहे थे। तभी उन्होंने कहा कि चेट्टा (संजू सैमसन) तुम्हारे लिए बड़ा मौका आने वाला है। हमारे पास 7 मैच हैं और मैं तुम्हें सभी सातों मैच बतौर ओपनर खेलने दूंगा। मुझे ये सुनकर अच्छा लगा कि ये बात कप्तान के मुंह से निकली है और ओपनर के रूप में 7 मैच, इससे अच्छा क्या हो सकता है।
21 बार डक पर आउट होओगे तभी टीम से निकालूंगा
संजू ने फिर कहा कि मैंने इसके बाद श्रीलंका में दो मैच खेले और दोनों में शून्य पर आउट हो गया। टीम से अंदर-बाहर होने की यादें मेरे जहन में ताजा होने लगीं और मुझे लगा कि बस हो गया। मैं ड्रेसिंग रूम में थोड़ा उदास था और गौती भाई ने यह देखा। वह मेरे पास आए और पूछा क्या हुआ, मैंने कहा मुझे मौका मिला था लेकिन मैं शून्य पर आउट हो गया। उन्होंने कहा कि तो क्या हुआ, मैं तुम्हें टीम से तभी निकालूंगा जब तुम 21 बार शून्य पर आउट हो जाओगे। कप्तान और कोच से इस तरह की बात सुनकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा।