एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में संजीत कुमार ने गोल्ड मेडल जीतकर दुबई में तिरंगा लहरा दिया है। उन्होंने 91 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड अपने नाम किया। सोमवार (31 मई) को संजीत ने ओलंपिक मेडलिस्ट वैसिली लेविट को हराया। दूसरी ओर, गत चैम्पियन अमित पंघाल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा) को करीबी मुकाबले में हार के साथ सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। हालांकि, अमित की हार के बाद भारत ने रिव्यू मांगा, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।

संजीत ने लेविट को 4-1 से मात दी जो ओलंपिक के सिल्वर मेडल विजेता हैं। रियो ओलंपिक चैंपियन और मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन उज्बेकिस्तान के जोइरोव शाखोबिदीन ने 2019 की विश्व चैम्पयनशिप के फाइनल मुकाबले की तरह एक बार फिर ये पंघाल को 3-2 से हराया। पंघाल ने मैच के बाद अपने कोच का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैं इस रजत पदक को अपने कोच अनिल धनकड़ के नाम करता हूं।’’

थापा भी 2-3 के अंतर से मंगोलिया के मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग से हार गए। इस टूर्नामेंट में थापा का यह पांचवां पदक है। उन्होंने लगातार दूसरी बार सिल्वर मेडल हासिल किया। दोनों मुकाबलों में भारतीय मुक्केबाजों ने दमदार खेल दिखाया लेकिन जजों का फैसला उनके पक्ष में नहीं रहा। पहले मुकाबले में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके दोनों मुक्केबाजों के बीच पहले दौर से ही तगड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली।

जोइरोव पहले दौर में भारी पड़े तो पंघाल ने दूसरे दौर में अपने खेल का स्तर ऊंचा उठाया और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की फुर्ती और मुक्कों से बचने में सफल रहे। पंघाल ने आंख में चोट लगने के बाद भी तीसरे दौर में दमदार खेल दिखाया और इस दौर में जजों से उन्हें ज्यादा अंक मिले लेकिन कुल अंकों के आधार पर वह पिछड़ गए। थापा ने भी मंगोलियाई मुक्केबाज के खिलाफ पहले दौर में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की थी।

भारत ने संख्या के मामले में इस टूर्नामेंट में 15 पदकों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। टीम ने इससे पहले 2019 में दो स्वर्ण सहित 13 पदक हासिल किए थे। रविवार को गत चैम्पियन पूजा रानी (75 किग्रा) ने गोल्ड मेडल हासिल किया जबकि छह बार की वर्ल्ड चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) और टूर्नामेंट में पदार्पण कर रही लालबुतसाही (64 किग्रा) और अनुपमा (81 किग्रा से अधिक) को फाइनल में हारने के बाद में सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था।

इससे पहले आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को ब्रॉन्ज मेडल मिला है।