टीम इंडिया ने कोलकाता के ईडन गार्डंस में खेले गए अपने पहले डे-नाइट टेस्ट मैच में बांग्लादेश को एक पारी और 46 रनों से मात दी। इसके साथ ही उसने 2 मैचों की यह सीरीज 2-0 से अपने नाम की। इस सीरीज में उसके गेंदबाजों खासकर फॉस्ट बॉलर्स का खासा दबदबा रहा। इशांत शर्मा कोलकाता टेस्ट में मैन ऑफ द मैच बने। मैन ऑफ द सीरीज भी वे ही चुने गए। डे-नाइट टेस्ट में रोशनी के समय पिंक बॉल की विजिबिलिटी को लेकर सवाल खड़े हुए। इसका ताजा उदाहरण यह रहा है कि बांग्लादेश के तीन बल्लेबाज रिटायर्ड हर्ट हो गए। अन्य भी कई खिलाड़ियों को हल्की-फुल्की चोटें आईं।

भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने भी स्वीकारा था कि फ्लड लाइट की रोशनी में पिंक बॉल (गुलाबी गेंद) का सामना करना आसान नहीं है। कमेंट्री के दौरान हर्षा भोगले ने भी पिंक बॉल की विजिबिलिटी को लेकर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा, खिलाड़ियों से यह बात पूछनी होगी कि उन्हें गेंद अच्छे से दिख रही है या नहीं। इस पर उनके साथ कंमेंटेटर संजय मांजरेकर ने उनकी बेइज्जती कर दी। मांजरेकर ने कहा, ‘तुम्‍हे पूछना पड़ेगा, हमें या उन्हें नहीं जिन्‍होंने क्रिकेट खेली है। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यह सही से दिख रही है।’

फिर क्या था, इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स संजय मांजरेकर को ट्रोल करने लगे। कुछ लोग तो संजय मांजरेकर को कमेंट्री से बैन करने की भी मांग कर रहे हैं। हालांकि, कुछ यूजर्स का तर्क है कि बैन करने की बजाय कमेंट्री बॉक्स में बिग बी यानी अमिताभ बच्चन को बुला लीजिए। यह बड़े आराम से बाहर हो जाएंगे। बता दें कि अमिताभ बच्चन ने 2015 में हुए वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के मैच के दौरान कमेंट्री की थी।

उस समय कमेंट्री बॉक्स में अमिताभ बच्चन के साथ कपिल देव, राहुल द्रविड़, शोएब अख्तर और आकाश चोपड़ा भी मौजूद थे, जबकि संजय मांजरेकर नहीं थे। अमिताभ बच्चन के कमेंट्री करने के तरीक पर बॉक्स में बैठे अन्य सभी विशेषज्ञ क्रिकेटर चकित थे। आकाश चोपड़ा ने तो यहां तक कह दिया था, अगर आप कमेंट्री में आ जाएंगे तो हमारी छुट्टी हो जाएगी।

हर्षा भोगले ने कहा, ‘जब इस मैच का पोस्टमार्टम किया जाएगा उसमें गेंद की विजिबिलिटी भी एक चीज होगी, जिसके बारे में ध्यान देना पड़ेगा। भोगले के ऐसा कहने पर मांजरेकर ने कहा, ‘मुझे ऐसा नहीं लगता। गेंद का दिखना कोई मुद्दा नहीं है।’ बता दें कि मांजरेकर ने 1987 और 1996 के बीच भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले थे।