सानिया मिर्जा ने भारतीय महिला टेनिस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। वह डबल्स में दुनिया की नंबर वन टेनिस खिलाड़ी रह चुकी हैं। मां बनने के बाद उन्होंने फिर से टेनिस में वापसी की है। 6 बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन सानिया उन टेनिस स्टारों में शामिल हैं, जिन्होंने मां बनने के बाद कोर्ट पर वापसी की और खिताब भी जीता। सानिया को हाल ही में फेड कप हर्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वह यह अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।

सानिया का विवादों से भी नाता रहा है। हालांकि, हर बार उन्होंने अपना पक्ष पुख्ता तरीके से रखा। ऐसे में संभव है कि कभी-कभी उन्हें गुस्सा भी आता रहा होगा। सानिया ने ‘द कपिल शर्मा शो’ में बताया कि वह गुस्से में हिंदी में नहीं बल्कि अंग्रेजी में गाली देती हैं। दरअसल, शो के होस्ट कपिल शर्मा ने उनसे सवाल किया था, ‘क्या कभी आपको मैच खेलते-खेलते गुस्सा आया है? तो आपने क्या विपक्षी खिलाड़ी को हिंदी में गाली दी है, क्योंकि गुस्सा आने पर इंसान के मुंह से अपनी भाषा ही निकलती है।’

इस पर सानिया ने हंसते हुए कहा, ‘मेरा एक और रूल है। मैं लड़की हूं तो मैं हिंदी में गाली नहीं देती। अच्छा नहीं लगता।’ इस पर कपिल ने कहा, ‘इसका मतलब आप इंग्लिश में ही गाली देती हैं।’ सानिया ने कहा, ‘हां मैं इंग्लिश में देती हूं। यह बिल्कुल वही वाला हिसाब है कि इंग्लिश में दो तो उतना बुरा नहीं होता है, हिंदी में दो तो ज्यादा बुरा है। फिर चाहे दोनों के ही मायने सेम (एक ही) हो।’

इस पर कपिल ने पूछा, ‘इंग्लिश में आप क्या कहते होगा उसे हे योर सिस्टर की…।’ इस पर सानिया जोर से हंसने लगीं। उन्होंने कहा, ‘मैं सिस्टर की नहीं बोलती। मैं ब्रदर की बोलती हूं।’ बता दें कि सानिया लॉकडाउन के दौरान हैदराबाद में ही थीं।

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तब उन्होंने स्मृति मंधना और जेमिमा रोड्रिग्ज के कार्यक्रम डबल ट्रबल में कई चीजों का खुलासा किया था। मंधना ने मिताली राज, पीवी सिंधु और सानिया मिर्जा के नाम गिनाते हुए कहा कि उनसे पूछा था कि हैदराबाद में क्या खास है, जो वहां से टॉप एथलीट निकल रहे हैं। पानी का असर है या बिरयानी का।

इस पर सानिया ने कहा था, ‘पता नहीं यार। वास्तव में हैदराबाद में खेल को काफी प्रोत्साहित किया गया है। मैं ईमानदारी से सोचती हूं। मेरा एक मजेदार सिद्धांत कि हैदराबाद में हमारे पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं है। अन्य बड़े शहरों की तरह बहुत सारे अड़ंगे नहीं हैं। शायद इसीलिए छोटे शहरों से बहुत सारे चैंपियन निकलते हैं।’