क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज रफ्तार गेंद फेंकने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर के नाम है। उन्होंने 2003 वर्ल्ड कप में न्यूलैंड्स में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में 161.3 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकी थी। उस समय उनके सामने बल्लेबाज थे निक नाइट। वह बॉल आज भी दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से फेंकी गई गेंद मानी जाती है। उस गेंद फेंकने के साथ ही शोएब अख्तर आईसीसी के टूर्नामेंट में 100 मील प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले पहले बॉलर बने थे।
हालांकि, शोएब अख्तर को दुनिया का सबसे तेज गेंदबाज बनने के लिए बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी है। इसका खुलासा उन्होंने खुद ही एक भारतीय शो में किया था। शोएब अख्तर करीब 6 साल पहले सोनी टीवी के शो ‘इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा’ (Entertainment Ke Liye Kuch Bhi Karega) में होस्ट बने थे। एंकर कृष्णा और मोना ने शो के दौरान शोएब से उनके बारे में कुछ ऐसी चीज बताने का आग्रह किया, जो दुनिया को पता नहीं हो।
इस पर शोएब ने कहा, ‘जब मैं बॉलिंग किया करता था, तो ये जो मेरे कंधे हैं, इसका जो सॉकेट ज्वाइंट होता है, यह बाहर निकलता है, फिर अंदर जाता है। इस वजह से मेरी जो बॉलिंग में स्पीड थी, जिसे स्लिंग शॉट कहते हैं, पंप करके गिरता है बॉल, तो उसकी वजह से जो एक्स्ट्रा स्पीड थी, 3-4 यार्ड थी, वह दुनिया में सबसे ज्यादा थी।’
उन्होंने बताया, ‘ जब मैंने शुरू किया तो 1994 से लेकर 2007 तक हर रोज मेरे घुटनों से पानी और खून निकाला जाता था। चूंकि हाईपोमोबिलिटी है तो एक ज्वाइंट दूसरे ज्वाइंट पर लगता है। मुझे याद पड़ता है कि जो पिछले 10 साल हैं, मैं कभी सुबह बाथरूम चल कर नहीं गया। घिसटकर गया हूं। हर रोज सुबह। जब 2003 का मैच हो रहा था। तब मैं सेंचुरियन में सचिन के खिलाफ खेल रहा था। उस सुबह मैं हॉस्पिटल से होकर पानी निकलवा कर, टीके लगवाकर मैच खेलने आया था।’
रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर अख्तर ने कहा, ‘मैच से पहले मेरी यह हालत हुआ करती थी। अब सोचिए मैच के बाद क्या होती रही होगी। किसी भी इंसान की सफलता के पीछे एक बहुत बड़ी कहानी होती है। उस सफर से लोगों को सीखना चाहिए। अपने ऊपर भरोसा रखना चाहिए। हो जाता है, सबकुछ हो जाता है।’ बता दें कि शोएब अख्तर ने अपने करियर के दौरान 163 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 247 विकेट लिए थे।