मशहूर टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को मंगलवार को दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र महिला सदभावना दूत नियुक्त किया गया। सानिया महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को के खिलाफ अभियान चलाने और लिंग समानता के प्रति जागरू कता फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूनिका निभाएंगी। इसके लिए वे अभियान चलाएंगी। सानिया दक्षिण एशिया क्षेत्र की पहली महिला हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सदभावना दूत नियुक्त किया गया है। सानिया भारत की चर्चित खिलाड़ियों में से एक हैं और हाल ही में उन्होंने डब्लूटीए का डबल्स खिताब जीता था।

ऐसा करने वाली वे पहली भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं। सानिया ने यहां आयोजित समारोह में कहा कि ‘लिंग असमानता’ के कारण इस देश में सानिया मिर्जा होना बेहद मुश्किल है। महिला खिलाड़ी होने की वजह से अपने करियर के दौरान आई मुश्किलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मुझे अपने करियर में अधिकतर विवादों का सामना इसलिए करना पड़ा क्योंकि मैं महिला हूं। अगर मैं पुरुष होती तो इनमें से कुछ विवादों से बच सकती थी।

Sania Mirza United Nations Women’s goodwill ambassador
सानिया ने यहां आयोजित समारोह में कहा कि ‘लिंग असमानता’ के कारण इस देश में सानिया मिर्जा होना बेहद मुश्किल है। (फोटो: भाषा)

,सानिया ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत में खेलों में अधिक महिलाओं को आना चाहिए। संस्कृति को बदलने की जरूरत है। सरकार इसमें शामिल हो रही है और मुझे लगता है कि इससे काफी चीजों में बदलाव हो रहा है। हमारे वर्तमान खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल महिला खेलों को बहुत बढ़ावा देते हैं और मैंने निजी रू प से यह देखा है। सानिया ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि सरकार भी हमारे समाज में व्याप्त लिंग असमानता पर बात कर रही है और सचाई यह है कि वह इसको लेकर कुछ करने की कोशिश कर रही है जिससे पता चलता है कि यह कितना जरू री है।

उन्होंने कहा कि लिंग समानता का हम सभी को समर्थन करना चाहिए। कुछ इस बारे में बोलते हैं कुछ नहीं। मुझे इस पर बोलने के लिए चुना गया है। मुझे उम्मीद है कि एक दिन सभी बोलेंगे कि हम सब एक हैं और महिलाओं के साथ वस्तु की तरह व्यवहार नहीं किया जाएगा। मैं बदलाव लाने के लिए अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करू ंगी। इस टेनिस स्टार ने इसके साथ ही कहा कि वे छह दिसंबर से शुरू होने वाले इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग (आइटीपीएल) में खेलने को लेकर उत्साहित हैं।

इस मौके पर केंद्रीय खेल व युवा मामलों के मंत्री सर्वानंद सोनेवाल भी मौजूद थे। उन्होंने भी लगिं समानता की वकालत की और सानिया को दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र महिला सदभावना दूत बनाए जाने पर बधाई दी और कहा कि इससे देश की महिलाओं का गौरव व सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सानिया देश के लिए एक रोल माडल हैं और उनकी वजह से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा।