गौतम गंभीर का क्रिकेट करियर ढलान पर नजर आ रहा है। इस आईपीएल सीजन में गंभीर दिल्ली डेयरडेविल्स की कप्तानी कर रहे थे, लेकिन टीम और खुद के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है। अब पूर्व चयनकर्ता संदीप पाटिल ने गौतम गंभीर के बारे में खुलासा करते हुए बताया है कि गंभीर में ‘एटीट्यूड’ की समस्या है और इसी एटीट्यूड के कारण गंभीर टीम से बाहर हुए थे। संदीप पाटिल का कहना है कि एटीट्यूड के कारण ही गंभीर ने उनसे दोस्ती तोड़ ली थी।

द क्विंट से बातचीत के दौरान संदीप पाटिल ने बताया कि उनकी गंभीर से पहली मुलाकात साल 2004 में हुई थी, तब गंभीर इंडिया ए टीम का हिस्सा थे और वह उस वक्त भारतीय टीम के चयनकर्ता थे। पाटिल ने बताया कि गंभीर उस वक्त देश के सबसे टैलेंटेड खिलाड़ियों में से एक थे। यही वजह थी कि बाद में गंभीर ने भारतीय टीम में जगह भी बनायी। पाटिल ने बताया कि अगले 7-8 साल गंभीर के करियर में कमाल के रहे और वह टीम के प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरे। इस दौरान उनकी और गंभीर की दोस्ती भी खूब रही। लेकिन अचानक गंभीर टीम से बाहर हो गए और उनके टीम से बाहर होने में उसके एटीट्यूड का बड़ा हाथ है। पाटिल ने कहा कि सभी क्रिकेटरों में एटीट्यूड की समस्या होती है, लेकिन अगर खिलाड़ी यह एटीट्यूड अपने साथी खिलाड़ियों को दिखाने लगे, तो इसका बड़ा ही नकारात्मक प्रभाव होता है।

एक घटना का जिक्र करते हुए पाटिल ने कहा कि साल 2011 के इंग्लैंड दौरे पर गंभीर के सिर पर एक बाउंसर लगने से चोटिल हो गए थे। इसके बाद गंभीर ने फैसला किया कि वह भारत वापस लौटेंगे। पाटिल के अनुसार, यही कदम गंभीर को भारी पड़ गया। टीम के फीजियो और डॉक्टर्स के अनुसार, गंभीर की चोट सामान्य थी और वह खेल सकते थे। लेकिन गंभीर के वापस लौटने से उनकी जगह भरने के लिए कई खिलाड़ी तैयार थे और यही वजह रही कि गंभीर टीम में वापसी नहीं कर पाए। पाटिल ने बताया कि एक वक्त गंभीर, सहवाग, द्रविड़, गांगुली और सचिन की तरह भारत के अगले सुपरस्टार बनने की रेस में थे, लेकिन बाद में उन्हें टीम में अपना स्थान बचाना भी मुश्किल हो गया।

पूर्व चयनकर्ता ने बताया कि जब उन्होंने संघर्ष कर रहे गंभीर के स्थान पर शिखर धवन को टीम में चुना तो इससे उनकी गंभीर के साथ दोस्ती भी टूट गई। गंभीर की तारीफ करते हुए पाटिल ने कहा कि ‘वह गंभीर के उस निर्णय की तारीफ करते हैं, जिसमें उन्होंने दिल्ली की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है। गंभीर को आखिरकार एहसास हो गया है कि वह अब वो पहले वाले बल्लेबाज नहीं रहे हैं। भविष्य में क्या होगा, कोई नहीं जानता, लेकिन गंभीर हमेशा मेरे पसंदीदा क्रिकेटर रहेंगे।’