बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान रुपहले पर्दे ही नहीं खेल के मैदान में भी दबंग हैं। वह भारत में फुटबॉल का चेहरा बदलने वाली नीता अंबानी से फुलऑन खेल चुके हैं। करीब 6 साल पहले नीता अंबानी ने मुंबई में आईएसएल ग्रासरूट्स फुटबॉल मूवमेंट की शुरुआत की थी। सलमान भी उस मूवमेंट का हिस्सा थे। कार्यक्रम की शुरुआत मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल में फुटबॉल मैच से हुई थी।

सलमान खान ने इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रैंचाइजी मुंबई इंडियंस की मालकिन नीता अंबानी की इस पहल की काफी सराहना की थी। उस कार्यक्रम में सलमान खान लाल टीशर्ट में थीं, जबकि नीता अंबानी नीली। जिन टीमों के बीच फुटबॉल मैच हुआ था, उनकी जर्सियों में से एक रंग लाल और एक का रंग नीला था। सलमान खान ने लाल रंग की जर्सी वाली टीम को अपने लिया चुना। उन्होंने मैच से पहले अपनी टीम से कहा कि हमें यह मैच जीतना है, हर हाल में जीतना है, ट्रॉफी जीतनी है। फिर चाहे हम भले ही इनको (नीता अंबानी की टीम को) दे दें।

सलमान खान ने कहा, ‘लाल वाला टीम मेरा टीम है, क्योंकि मेरा भी टीशर्ट लाल है। तुम्हारा भी टीशर्ट लाल है। ब्लू वाला टीम है नीता मैम का। ये मैच हम हमारी तरफ से फुल कोशिश करेंगे जीतने की। छोड़ना नहीं इन लोगों को। छोड़ना नहीं छोटू, एक दम डटकर फुलऑन खेलना है। ट्रॉफी हम लोगों को जीतना है।’

सलमान खान ने नीता अंबानी की तारीफ करते हुए कहा था, ‘नीताजी जो यह काम कर रही हैं, एजुकेशन (शिक्षा) के साथ स्पोर्ट्स (खेल) इससे बड़ा काम कोई नहीं हो सकता। खेल के साथ स्वास्थ्य जुड़ जाता है। स्वास्थ्य से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई चीज है ही नहीं। एक चीज आपके दिमाग को स्ट्रॉन्ग (तेज) बना रही है और एक चीज आपके शरीर को ताकतवार बना रही है। बहुत सारे पैसे वाले लोग हैं, लेकिन कितने पैसे वाले लोग इतना वक्त निकालते हैं और गरीब बच्चों की मदद करते हैं।’

इस पर वहां बैठे सभी लोग ताली बजाने लगे। सलमान ने कहा, ‘ये तालियां नीताजी के लिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ और पैसे वाले लोग ऐसे हो जाएं तो हमारा देश कहां से कहां पहुंच जाए। ये जो बच्चे हैं, कितनी दूर से आए हैं। ये इन्जॉय कर रहे हैं। बहुत से स्कूल सिर्फ बच्चों के देखने के लिए होते हैं। इसके लिए दिमाग नहीं चाहिए। इसके लिए दिल चाहिए और जिनके पास दिल है, एक मकसद है, पैसा है। वह अच्छा काम करना चाहते हैं। इससे बड़ी चीज इस दुनिया में कुछ भी नहीं है, कि दूसरों को अपने लेवल पर लेकर आओ, न कि उनका लेवल घटाओ।’