विश्व चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता सायना नेहवाल का मानना है कि विमल कुमार के मार्गदर्शन में बेंगलुरू में ट्रेनिंग लेने का उनका फैसला बिलकुल सही साबित हुआ क्योंकि इससे उन्हें अपनी फार्म दोबारा हासिल करने और अपने करियर को लंबा करने में मदद मिली। सायना ने दोहराया कि पिछले साल लचर प्रदर्शन के बाद वे खेल छोड़ने पर विचार कर रहीं थीं लेकिन विमल ने उनमें भरोसा और आत्मविश्वास भरकर रुख पलट दिया।
जकार्ता में विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन के हाथों शिकस्त के बाद स्वदेश लौटने पर सायना ने कहा कि इससे (बंगलुरु में ट्रेनिंग लेने का फैसला) काफी मदद मिली और सभी देख सकते हैं। तब से काफी कुछ बदल गया है। व्यक्ति के रू प में मेरे अंदर बदलाव आया है। मैं नंबर एक बन जाऊंगी, मैंने चीन ओपन और इंडिया ओपन जीता, आल इंग्लैंड और विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची। यह सब बंगलुरु जाने के बाद हुआ।
उन्होंने कहा कि यह हैदराबाद से दूर जाना था लेकिन मैंने ऐसा किया क्योंकि मैं सुधार चाहती थी और मुझे लगता है कि यह अच्छा फैसला था। विमल सर का प्रभाव सबसे बड़ा बदलाव है। मैं कोर्ट पर अपने साथ इतना अधिक समय बिताने और रोजाना मुझे यह विश्वास दिलाने के लिए कि मैं चैम्पियन हूं, मैं नंबर एक बन सकती हूं, मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। सायना ने कहा कि यहां तक कि मैं शारीरिक रू प से काफी बेहतर महसूस कर रही हूं। ऐसा इसलिए है कि जब आप पर कोच स्वयं ध्यान देता है तो स्वाभाविक तौर पर आपके खेल में सुधार होता है। सारा ध्यान आप पर होता है। वह उन क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं जिनमें मैं कमाजोर हूं।
एक साल पहले चीजें सायना के पक्ष में नहीं थी और पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप के बाद वह खेल को अलविदा कहने के बारे में सोचने लगी थी लेकिन विमल के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग से सब कुछ बदल गया। सायना ने कहा कि मैं खेल को छोड़ने के बारे में सोच रही थी क्योंकि मुझे लग रहा था कि अपने प्रदर्शन से मुझे खीज हो रही है। कुछ भी मेरे पक्ष में नहीं हो रहा था, मैं जीतने के तरीके नहीं खोज पा रही थी। यह मेरे लिए चुनौतीपूर्ण होता जा रहा था क्योंकि मुझे पता था कि मैं विश्व स्तरीय खिलाड़ी हूं।
विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रचने वाली सायना ने अब अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक के लिए कमर कस ली है। उन्होंने कहा कि यह पदक विशेष पदकों में से एक है क्योंकि यह ओलंपिक के लिए तैयार होने के लिए मुझे अधिक आत्मविश्वास देगा। यह तय है। ओलंपिक में भी यही खिलाड़ी खेलेंगे। ओलंपिक प्रत्येक साल में होता है। इसमें कहीं अधिक दबाव होता है। लेकिन यही खिलाड़ी वहां खेलेंगे।