रविवार का दिन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए दोहरी खुशी लेकर आया। सिरीफोर्ट खेल परसिर कोर्ट पर दो भारतीय शटलरों ने अपना दमखम दिखाते हुए योनेक्स-सनराइज सुपर सीरीज बैडमिंटन चैंपियनशिप जीत लिया। भारतीय शटलरों ने इंडिया ओपन के पांचवें संस्करण में यह उपलब्धि हासिल की। पहले महिला सिंगल्स में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी साइना नेहवाल ने यह कारनामा अंजाम दिया तो उनके बाद दूसरे भारतीय शटलर किदांबरी श्रीकांत ने पुरुषों के सिंगल्स का खिताब जीत कर इंडिया ओपन में नया इतिहास रचा।
दोनों पहले भारतीय हैं जिन्होंने इंडिया ओपन जीता है। साइना शनिवार को ही दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनीं थीं, हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा गुरुवार को होनी है। लेकिन रविवार को उन्होंने इंडिया ओपन में शानदार प्रदर्शन से अपनी रैंकिंग को सही साबित किया। हाल ही में साइना आल इंग्लैंड बैडमिंटन के फाइनल में हार गर्इं थीं। लेकिन इंडिया ओपन जीत कर उन्होंने सत्र का दूसरा खिताब जीता।
लेकिन रविवार का दिन पूरी तरह से साइना नेहवाल का रहा। घरेलू दर्शकों का साथ पाकर साइना ने चमकदार प्रदर्शन किया और पूर्व विश्व चैंपियन थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन को सीधे गेमों में हराया। साइना ने सही समय पर अपने खेल को ऊंचाई देकर अपनी थाई प्रतिद्वंद्वि को परेशानी में डाला। उन्होंने दमदार स्मैश, अच्छी प्लेसिंग और कुछ बेहतरीन ड्राप शाट के जरिए अंक बटोरे। दोनों के बीच हालांकि कुछ मौकों पर अच्छी रैली भी देखने को मिली। साइना पूरी तरह लय में दिखीं। उन्हें रतचानोक के खिलाफ बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
सच तो यह है कि लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने एक चैंपियन की तरह खेला। उन्हें दर्शकों का भारी समर्थन भी मिला। इससे उत्साहित साइना ने इंतानोन को 21-16, 21-14 से हराया। साइना का अपनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ रेकार्ड इससे पहले 5-3 का था। रविवार को उन्हें किसी तरह की चुनौती का सामना भी नहीं करना पड़ा क्योंकि वे इंतानोन के भ्रमित करने वाले खेल के लिए तैयार थीं। उन्होंने अपने बेहतर मूवमेंट और सटीक स्मैश से अपनी प्रतिद्वंद्वी को परेशान किया।
चाइना ओपन का खिताब जीतने के बाद शानदार फार्म में चल रही साइना ने अपनी प्रतिद्वंद्वी की हर चाल को अच्छी तरह से भांप लिया। तीसरी सीड इंतानोन शनिवार को स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ मैराथन सेमीफाइनल से थकी हुई थीं जिसका प्रभाव उनके खेल पर दिखा। उनके मूवमेंट भी धीमे थे। खचाखच भरे स्टेडियम में दर्शकों ने साइना की जमकर हौसलाअफजाई की। दर्शक ‘इंडिया, इंडिया’ और ‘साइना मैच जीतो’ चिल्ला रहे थे। इससे भी इंतानोन की एकाग्रता भंग हुई और वे इस मैच में प्रभाव छोड़ने में भी नाकाम रहीं। साइना ने अपने दमदार स्मैश और विरोधी की सहज गलतियों का पूरा फायदा उठाते हुए जल्दी ही 11 – 5 से बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद इंतानोन ने वापसी की कोशिश की और लंबी रैली लगाई। अपने कलात्मक ड्रिबल के जरिए उन्होंने साइना की बढ़त कम करके स्कोर 10-12 कर दिया। साइना ने हालांकि उन्हें वापसी का मौका नहीं दिया और जल्दी ही फिर गेम पर पकड़ बना ली। साइना के दमदार प्रदर्शन का इंतानोन के पास कोई जवाब नहीं था। उनके शाट या तो बाहर गए या लंबे चले गए जिससे साइना ने 20-12 से बढ़त बना ली। इंतानोन ने चार गेम अंक बचाए जरूर लेकिन गेम नहीं बचा पार्इं।
दूसरे गेम में साइड बदलने के बाद भी हालात नहीं बदले। साइना शुरू में ही 5-0 से आगे हो गर्इं। इंतानोन ने कुछ अंक बनाए लेकिन ब्रेक तक साइना ने 11-6 की बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद इंतानोन ने साइना को चुनौती दी लेकिन भारतीय स्टार ने 17-11 से बढ़त बना कर खिताब की तरफ कदम बढ़ाया। इंतानोन ने अंतर 18-14 किया लेकिन थाई खिलाड़ी के दो शाट बाहर गए और साइना को खिताब जीतने में परेशानी नहीं हुई।
पुरुषों के सिंगल्स फाइनल में श्रीकांत ने भारतीय दर्शकों को खुश होने का और मौका दिया जब उसने विक्टर एक्सेलसेन को मात दी। श्रीकांत ने निर्णायक मुकाबले में 3-7 से पिछड़ने के बाद वापसी की और चैंपियन बने। विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता एक्सेलसेन ने पहले गेम में 8-5 से बढत बना ली थी। श्रीकांत ने 9-9 से बराबरी की लेकिन डेनमार्क के उसके प्रतिद्वंद्वी ने फिर बढ़त कायम कर ली। दूसरे गेम में श्रीकांत ने शानदार वापसी की और 21-4 स् आगे हो गए। पांच साल पहले विश्व जूनियर चैंपियन रहे एक्सेलसेन ने अंतर 11-13 का कर दिया लेकिन श्रीकांत ने फिर अंक हासिल करके गेम अपने नाम किया। निर्णायक गेम में एक्सेलसेन 7-3 से आगे थे। ब्रेक तक उनकी बढ़त 11-9 की थी। ब्रेक के बाद श्रीकांत ने 1212 से बराबरी की और फिर लगातार नौ अंक बनाकर खिताब जीता। महिलाओं का डबल्स खिताब जापान की मिसाकी मोसुतोमो व अयाका ताका हाशी ने जीता। पुरुषों का डबल्स चीन के चाइ बियाओ व हांग वी व मिक्सड डबल्स का खिताब लुई चेंग व बाओ झिन ने जीत।
पिछले साल नवंबर में चाइना ओपन सुपर सीरिज प्रीमियर जीतने वाले श्रीकांत हांगकांग ओपन और विश्व सुपर सीरिज फाइनल्स के सेमीफाइनल में पहुंचे और सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड के फाइनल में प्रवेश किया जबकि स्विस ओपन खिताब जीता था। भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता ने साइना को दुनिया की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी बनने पर दस लाख रुपए और श्रीकांत को यह खिताब जीतने पर पांच लाख रुपए नकद पुरस्कार देने का एलान किया है।
पहला इंडिया ओपन सुपर सीरिज खिताब जीतने के बाद राहत महसूस कर रही बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने कहा कि उ५के दिमाग से बड़ा बोझ उतर गया है क्योंकि यह टूर्नामेंट वे कभी नहीं जीत सकी थीं। साइना ने जीत के बाद कहा कि पिछले चार साल से मैं प्री क्वार्टर या क्वार्टर फाइनल में हार रही थी। पहली बार मैं फाइनल में पहुंची और जीती। इस टूर्नामेंट में मेरे लिये कई सरप्राइज थे। नंबर वन की रैंकिंग और खिताब। मुझे खुद पर गर्व है। मैने कभी सोचा नहीं था कि इतने संघर्ष के बाद यह दिन भी आएगा। यह मेरे करिअर का सर्वश्रेष्ठ दौर है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मेरा प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है। मैं पिछले दो महीने में तीन फाइनल में पहुंची और यह आसान नहीं था। भविष्य के बारे में पूछने पर साइना ने कहा कि खिताब से मेरी भूख जाग जाती है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में अधिक से अधिक खिताब जीत सकूंगी। चोटरहित और फिट रहूंगी।