पांच सितंबर को पूरे देश में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। इस खास अवसर पर भारत रत्न और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा कर अपने जीवन में मार्गदर्शन देने वाले तीन अहम व्यक्तित्वों को याद किया। सचिन तेंदुलकर ने इंस्टाग्राम पर तीन तस्वीरें साझा की हैं। इनमें एक तस्वीर उनके पिता रमेश तेंदुलकर की है, दूसरी उनके क्रिकेट गुरु रमाकांत आचरेकर की और तीसरी उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर की। इन तीनों का सचिन के जीवन और करियर को संवारने में विशेष योगदान रहा है।
सचिन तेंदुलकर ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘इस सफर की शुरुआत एक सिक्के, एक किट बैग और तीन मार्गदर्शकों, मेरे पिता, आचरेकर सर और अजीत के साथ हुई। हमेशा आभारी रहूंगा।’ उनके कहने का मतलब शायद यह था कि उनके क्रिकेट करियर की शुरुआत एक सिक्के, एक किट बैग और तीन मार्गदर्शक (पिता, गुरु और बड़े भाई) लोगों से शुरू हुई और वह इन तीनों के हमेशा आभारी रहेंगे।
सचिन तेंदुलकर का यह संदेश केवल एक साधारण पोस्ट नहीं, बल्कि उन रिश्तों और मूल्यों की झलक है, जिन पर महान क्रिकेटर की पूरी जिंदगी और करियर टिका रहा। पिता ने उन्हें अनुशासन और संस्कार दिए। गुरु आचरेकर ने क्रिकेट की बारीकियां सिखाईं और बड़े भाई अजीत ने बचपन से ही उनके अंदर छिपे हुनर को पहचानकर सही दिशा दी। कहा जाता है कि अजीत ही वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने सचिन को शिवाजी पार्क मैदान ले जाकर आचरेकर सर से मिलवाया था। यही से भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे सुनहरा अध्याय शुरू हुआ।
सचिन की इस पोस्ट ने फिर यह साबित कर दिया कि सफलता केवल मेहनत का नतीजा नहीं होती, बल्कि उसके पीछे कई अदृश्य हाथ होते हैं जो मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षक दिवस पर दिया गया उनका यह संदेश आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है कि जीवन में चाहे कितनी भी ऊंचाई हासिल कर लें, अपने गुरु और मार्गदर्शकों का आभार व्यक्त करना न भूलें।