ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने खुलासा किया है कि सचिन तेंदुलकर अक्सर दिग्गज स्पिनर शेन वार्न के खिलाफ भारी पड़ते थे। वार्न उन्हें (सचिन) क्रीज से उखाड़ने की पूरी कोशिश करने के बाद भी सफल नहीं हो पाते थे। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने सचिन और वार्न के बीच जंग को चूहे-बिल्ली का खेल करार दिया। ली ने कहा, तेंदुलकर कभी-कभी वार्न के साथ चूहे-बिल्ली का खेल खेला करते थे। वार्न जैसे दिग्गज स्पिनर के सामने कम ही बल्लेबाज ऐसा कर पाते थे।

ऑस्ट्रेलिया के लिए 76 टेस्ट और 221 वनडे मैच खेलने वाले पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि तेंदुलकर ने वार्न की उन सभी वैरिएशंस को पढ़ लिया था, जो बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा परेशान करती थीं। ली ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में कहा, ‘वे (तेंदुलकर) कुछ अवसरों पर विकेट से आगे आकर वार्न को शार्ट पिच गेंद करने के लिए मजबूर करते थे। कुछ अवसरों पर वे बैकफुट पर जाकर गेंद का इंतजार करते और खूबसूरत शाट खेलते थे।’

ली के मुताबिक, ‘यह वार्न को अपने इशारों पर नचाने जैसा था। शेन वार्न के साथ बहुत कम बल्लेबाज ऐसा कर सकते थे, क्योंकि वे बेहद प्रतिभाशाली थे, लेकिन कई अवसरों पर सचिन तेंदुलकर ऐसा करते थे।’ ली ने बताया कि तेंदुलकर को आउट करने के लिए वार्न कई तरह के वैरीएशन भी अपनाते थे, लेकिन सचिन गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटते ही उसका सही अनुमान लगाने में माहिर थे। ऐसे में दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान करने वाले वार्न उनके सामने नाकाम रहे।

इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘सचिन जिस तरह गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटते ही उसे समझ जाते थे और तरह-तरह की गेंदों को खेलने के लिए अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल करते थे, वह लाजवाब था। वार्न कई बार हवा में गेंद को दिशा देने की कोशिश करते थे, तो कई बार नहीं। जब भी वह गेंद में वैरीएशन लाते लेकिन सचिन उसे समझ लेते थे।’

उन्होंने कहा, ‘वार्न ने दुनिया भर के अन्य बल्लेबाजों को परेशानी में डाला, लेकिन सचिन अन्य बल्लेबाजों की तुलना में गेंद का सही अनुमान लगाते थे। वार्न को इससे नफरत थी। वे बाद में ड्रेसिंग रूम में कहते थे कि उसने सचिन को आउट करने के लिए अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास किये लेकिन वह नाकाम रहा।’ वार्न 12 टेस्ट मैचों में केवल तीन बार ही तेंदुलकर को आउट कर पाए थे।

ली ने 2003 मेलबर्न में खेले गए ‘बॉक्सिंग डे’ टेस्ट मैच का भी जिक्र किया, जब उन्होंने पहली बार तेंदुलकर का सामना किया। तब उन्होंने अपनी पहली गेंद पर ही सचिन को विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट के हाथों कैच करा दिया था। ली ने कहा, ‘मैं तब 22 साल का था जब मुझे लिटिल मास्टर के खिलाफ खेलने का पहला अवसर मिला। मेरी गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर गई। मुझे लगा कि मैंने अपना काम कर दिया। मुझे टेस्ट मैच की परवाह नहीं थी, क्योंकि मैं सचिन तेंदुलकर को आउट करके बहुत खुश था।’