सचिन तेंदुलकर ने कोरोनावायरस के प्रकोप को झेल रहे देशवासियों को इससे बचने का तरीका बताया है। सचिन ने एक समाचार चैनल से ऑनलाइन बातचीत के दौरान यह संदेश दिया। उनसे पूछा गया था कि क्या कोरोनावायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे आम लोग मेंटली (जहनी) तौर पर कमजोर पड़ते जा रहे हैं? क्या इस वजह से लोग सड़कों पर उतर आए हैं।

इस पर सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘लोगों के लिए मुश्किल है। लेकिन जो हेल्थ मिनिस्ट्री (स्वास्थ्य मंत्रालय) जो डॉयरेक्टिव्स (दिशा-निर्देश) दे रही है, वह भी अपने देश का इंट्रेस्ट देखकर दे रही है। यह सही है कि सभी को लाइफ में स्पीड के साथ आगे बढ़ना होता है। मगर मैं इस समय पर सिंपल मैसेज देना चाहूंगा। मुझे लगता है कि लाइफ में स्पीड से ज्यादा डायरेक्शन बहुत जरूरी होती है। एक बार डायरेक्शन सही रहे तो हम स्पीड बढ़ा सकते हैं, मगर अगर डायरेक्शन गलत रही और स्पीड से हम पीछे रहे तो हम गलत डायरेक्शन में पहुंच सकते हैं। मुश्किल चीज है, मगर यह चीज (सोशल डिस्टेंसिंग का पालन) करनी पड़ेगी।’

सचिन ने लार के बिना गेंद चमकाने का विकल्प भी बताया। उन्होंने कहा कि दोनों अंपायर को एक-एक डिब्बी वैक्स की दी जाए। गेंदबाज अंपायर से लेकर वैक्स का गेंद को चमकाने में इस्तेमाल कर पाएंगे। यदि गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग नहीं मिल रही है तो 45-50 ओवर जो भी आईसीसी सही समझे उस समय एक रिवर्स स्विंग वाला बॉल दिया जाए। इसमें विपक्षी टीम के पास विकल्प होना चाहिए कि यदि वे नया बॉल लेना चाहें तो वह भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप गेंदबाजों के लिए विकल्प बढ़ाएंगे तो मुझे लगता है कि बराबरी (बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के लिए) का खेल हो पाएगा।

सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान कभी भी शराब या तंबाकू का प्रमोशन नहीं किया। उनके मुताबिक, इन सामानों का उत्पादन करने वाली कई बड़ी कंपनियों ने स्पाॉन्सरशिप के लिए उनसे संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने पिता से किए एक वादे को पूरा करने के लिए कभी भी इनका हाथ नहीं थामा।

सचिन ने कहा, ‘मेरे पिताजी ने बहुत साल पहले ही मुझसे कहा था कि देखो अब तुम एक रोल मॉडल बनने की राह पर हो। लोग तुम्हें फॉलो करना चाहेंगे, इसलिए कभी ऐसा कुछ नहीं करना जिससे समाज में कोई गलत संदेश जाए।’ उन्होंने कहा, ‘कई ब्रांड्स ने यहां तक कहा था कि एक-दो साल न सही एक-दो सीरीज के लिए ही करार कर लीजिए। लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं किया और पिता के साथ किए वादे को बरकरार रखा।’

सचिन ने बताया, ‘मैं पिता से किए वादे के कारण डेढ़ या दो साल तक बैट पर बिना स्पॉन्सर के खेला। हालांकि, मेरे पास शराब और तंबाकू उत्पाद बनाने वाले ब्रांड्स की ओर से बैट पर स्पॉन्सरशिप के लिए ऑफर आए थे। इसके बावजूद मैंने नहीं स्वीकारा।’