Ind vs WI, India vs West Indies 2018ः पृथ्वी शॉ ने अपने टेस्ट मैच डेब्यू में ही शतक ठोककर कई दिग्गजों को अपना मुरीद बना लिया है। हालांकि जिन लोगों ने जूनियर स्तर पर और घरेलू क्रिकेट में पृथ्वी शॉ को खेलते देखा है, उन्हें पृथ्वी की इस पारी से ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ होगा, क्योंकि उन्हें पृथ्वी से ऐसी ही शुरुआत की उम्मीद होगी। पृथ्वी शॉ की तुलना अभी महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर से करना तो जल्दबाजी कही जाएगी, लेकिन क्रिकेट करियर की शुरुआत दोनों खिलाड़ियों की एक सी रही है। जिस तरह पृथ्वी ने स्कूल स्तर पर बड़ी-बड़ी पारियां खेली हैं, उसी तरह तेंदुलकर भी अपनी ऐसी पारियों के लिए चर्चा में रहे थे। इसके साथ ही पृथ्वी शॉ ने सचिन की तरह ही अपने रणजी और दिलीप ट्रॉफी डेब्यू में शतक बनाकर शुरुआत की और अब अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी पृथ्वी ने अपनी पहली ही पारी में शतक लगाकर अपनी प्रतिभा का डंका बजवाया है।

पहली मुलाकात में ही सचिन ने पृथ्वी शॉ को लेकर कर दी थी भविष्यवाणीः सचिन तेंदुलकर भी पृथ्वी शॉ की इस शुरुआत से बेहद खुश दिखाई दिए और उन्होंने दिल खोलकर पृथ्वी शॉ की तारीफ भी की। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सचिन ने पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी और उनके साथ हुई अपनी पहली मुलाकात का जिक्र भी किया। सचिन ने उस दिन को भी याद किया जब उन्होंने पहली बार पृथ्वी शॉ को बल्लेबाजी करते देखा था और उन्हें लेकर कुछ कहा था। सचिन ने उस अनुभव को साझा करते हुए बताया कि करीब 10 साल पहले उनके दोस्त जगदीश च्वहाण ने एक बार मुझसे पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी देखने की गुजारिश की थी। च्वहाण ने कहा कि ‘यह युवा खिलाड़ी तुमसे मिलना चाहता है और अगर तुम उससे मिल सको तो यह बहुत अच्छा रहेगा।’ इस पर सचिन ने अपने दोस्त की बात मान ली और उसकी बल्लेबाजी देखने पहुंच गए। सचिन ने बताया कि “उन्हें आज भी याद है कि उन्होंने अपने दोस्त से कहा था कि ‘यह लड़का एक दिन भारत के लिए जरुर खेलेगा।’ सचिन ने बताया कि ‘उन्होंने अपने दोस्त से कहा था कि तुम भविष्य के भारतीय क्रिकेटर को देख रहे हो।’ इस पर सचिन के दोस्त ने पूछा था कि क्या तुम सही बोल रहे हो? इस पर सचिन ने कहा था कि तुम मेरे शब्द याद रखना, यह लड़का भारत के लिए जरुर खेलेगा।”

सचिन ने बताया पृथ्वी शॉ की सबसे बड़ी खूबी के बारे मेंः  पृथ्वी शॉ की तारीफ करते हुए सचिन ने बताया कि जो मैंने देखा है, वह (पृथ्वी शॉ) बहुत जल्दी सीखता है। किसी खिलाड़ी में टैलेंट होना एक अलग बात है लेकिन आप उस टैलेंट से क्या करते हो, वह ज्यादा अहम है। यदि आप अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल होना चाहते हो तो आपमें जल्दी सीखने की काबलियत होना जरुरी है। अलग अलग मैदानों और कंडीशन में लंबे समय तक खेलने के लिए एडैप्टिबिलिटी (परिस्थितियों के हिसाब से खेलने की क्षमता) होना बेहद जरुरी है। मुझे लगता है कि पृथ्वी शॉ में अलग-अलग परिस्थितियों में खेल के हिसाब से खेलने की क्षमता है और यही पृथ्वी शॉ की सबसे बड़ी ताकत है। सचिन ने बताया कि पृथ्वी शॉ के हाथों और आंखों का कॉर्डिनेशन कमाल का है। जिस तरह से वह गेंद की लाइन और लेंथ को पकड़ता है, ऐसा बहुत कम खिलाड़ियों में देखने को मिलता है। यह पृथ्वी शॉ का नेचुरल गिफ्ट है, जो कि बहुत खिलाड़ियों में नहीं होता है।