भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को 2000 से 2020 तक के सर्वश्रेष्ठ लॉरेंस खेल लम्हे के पुरस्कार के लिए चुना गया। भारतीय प्रशंसकों के समर्थन से तेंदुलकर को इस पुरस्कार के लिए सबसे ज्याद मत मिले। टीम इंडिया के 2011 विश्व कप में जीत के संदर्भ में तेंदुलकर से जुड़े लम्हे को ‘कैरीड ऑन द शोल्डर्स ऑफ ए नेशन’ शीर्षक दिया गया था। इस सम्मान के बाद क्रिकेट जगत के तमाम दिग्गज तेंदुलकर को बधाई दे रहे हैं। वहीं, सचिन के साथी रहे वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने उन्हें ट्रोल कर दिया है। दोनों के बीच मीठी नोंकझोक सोशल मीडिया पर हुई।

लगभग 9 साल पहले तेंदुलकर अपने छठे विश्व कप में खेलते हुए विश्व खिताब जीतने वाली टीम के सदस्य बने थे।भारतीय टीम के सदस्यों ने इसके बाद तेंदुलकर को कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कार लगाया था। इस दौरान इस दिग्गज बल्लेबाज की आंखों से आंसू निकल रहे थे।

इस सूची में पहले 20 दावेदारों को शामिल किया गया था लेकिन वोटिंग के बाद सिर्फ पांच दावेदारों को सूची में जगह मिली थी जिसमें तेंदुलकर विजेता बने। टेनिस के महान खिलाड़ी बोरिस बेकर ने इस पुरस्कार की घोषणा की जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर स्टीव वॉ ने तेंदुलकर को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।

गांगुली ने किया ट्रोलः तेंदुलकर ने बर्लिन की एक तस्वीर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की। इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा कि- लॉरेस स्पोर्ट वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड्स के लिए बर्लिन में रहकर खुश हूं। इस फोटो पर गांगुली ने कमेंट करते हुए लिखा कि- मैं गलत नहीं था।

 

इससे पहले भी तेंदुलकर ने मेलबर्न की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा था कि धूप का आनंद उठा रहा हूं। इसपर गांगुली ने कमेंट करते हुए लिखा था कि- किसी किसी का किस्मत अच्छा है… छुट्टी मनाते रहो।

 

बता दें कि इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों के बीच अक्सर सोशल मीडिया पर तकरार देखने को मिलती है। इस सम्मान के बाद तेंदुलकर ने कहा कि विश्वकप जीतने की खुशी को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। मेरे लिए वह खास लम्हों में से एक है।