शातांकुमारन श्रीसंत पर सात साल के प्रतिबंध के खत्म होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं। अगस्त 2020 में उन पर लगा बैन खत्म हो जाएगा।इसके बाद उन्हें रणजी ट्रॉफी अपने केरल की टीम का प्रतिनिधत्व करने का मौका मिल सकता है। केरल क्रिकेट एसोसिएशन (केसीए) ने बैन खत्म होने के बाद रणजी ट्रॉफी की टीम में चयन के लिए उनके नाम पर विचार करने का फैसला किया है। हालांकि, एसोसिएशन ने एक शर्त जोड़ दी है। शर्त के मुताबिक, 37 साल के श्रीसंत को अपनी फिटनेस साबित करनी होगी।

केरल रणजी टीम के नवनियुक्त कोच टिनू योहानन ने कहा, ‘केसीए ने फैसला किया है कि जब सितबंर में उन पर लगा प्रतिबंध खत्म हो जाएगा, तो टीम चयन के मौके पर उनके नाम पर विचार किया जाएगा। हालांकि टीम में उनका चयन उनके फिटनेस स्तर पर निर्भर करेगा। उन्हें अपनी फिटनेस साबित करनी होगी। इस समय क्रिकेट को लेकर कुछ भी बाहर नहीं हो रहा है। अन्यथा उन्हें मैदान पर खेलते देखते और उन्हें फिटनेस टेस्ट देते देखते। इस समय कुछ भी कहना कठिन है।’

इस बीच, श्रीसंत ने कहा, ‘बैन खत्म होने को लेकर आधिकारिक घोषणा सितंबर में होगी। मैं इस समय सिर्फ अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान दे रहा हूं। महासचिव से लेकर महानिदेशक तक हर कोई मेरा समर्थन कर रहा है। हर कोई साथ दे रहा है। चयनकर्ता और कोच मुझे टीम में चाहते हैं।’

क्या इसे अपनी दूसरी पारी के रूप में देख रहे हैं के सवाल पर श्रीसंत ने कहा, ‘मैं इसे अपनी दूसरी पारी के तौर पर नहीं देख रहा हूं। मैंने सात साल क्रिकेट मिस किया है। पिछली बार जब मैं खेल रहा था तब से अब क्रिकेट बहुत बदल गया है। मुझे आज भी अपने देश का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी पुराने दिन याद हैं।’

श्रीसंत ने भारत के लिए 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं। उन्होंने इसमें क्रमश: 87, 75 और 7 विकेट झटके हैं। बीसीसीआई ने 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, 2015 में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उन पर लगे सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया था।

केरल हाई कोर्ट ने 2018 में बीसीसीआई द्वारा उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को खत्म कर दिया था। उनके खिलाफ सभी कार्यवाही भी रद्द कर दी थीं।। हालांकि उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने प्रतिबंध की सजा को बरकरार रखा था। श्रीसंत ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में उनके अपराध को बरकरार रखा था, लेकिन बीसीसीआई को उनकी सजा कम करने को कहा था।

बीसीसीआई ने उनकी आजीवन प्रतिबंध की सजा को कम करके सात साल कर दिया था, जो इस साल अगस्त में खत्म हो जाएगा। समाप्त हो जाएगा।