चेस फेडरेशन ऑफ रशिया (सीएफआर) के अध्यक्ष आंद्रेई फिलाटोव ने डिंग लिरेन पर डी गुकेश के खिलाफ जानबूझकर विश्व चैंपियनशिप मैच हारने का आरोप लगाया है। आंद्रेई फिलाटोव ने FIDE से जांच शुरू करने की मांग की है। यह जानकारी यूक्रेन की शतरंज टीम के कोच पीटर हेन नीलसन ने रूसी समाचार एजेंसी TASS के हवाले से X (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर की।
आंद्रेई फिलाटोव ने FIDE से की मांग
रूसी समाचार एजेंसी ने आंद्रेई फिलाटोव के हवाले से लिखा, ‘पिछले गेम के नतीजे ने पेशेवरों और शतरंज प्रशंसकों के बीच घबराहट पैदा कर दी। निर्णायक खंड में चीनी शतरंज खिलाड़ी की हरकतें बेहद संदिग्ध हैं और FIDE की ओर से एक अलग जांच की आवश्यकता है। डिंग लिरेन जिस स्थिति में थे, उसे खोना एक प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी के लिए भी मुश्किल है। आज के खेल में चीनी शतरंज खिलाड़ी की हार कई सवाल खड़े करती है। ऐसा लगता है कि यह जानबूझकर किया गया था।’
TASS ने बताया कि बराबरी के खेल में डिंग लिरेन ने 55वीं चाल पर एक गलती की जिसके बाद गुकेश ने बढ़त हासिल कर ली। गुकेश 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। उन्होंने गत चैंपियन डिंग लिरेन को आखिरी गेम में हराया। उनकी इस जीत से भारत के शतरंज खिलाड़ियों के वर्चस्व के एक नए युग की शुरुआत हुई। उन्होंने महान विश्वनाथन आनंद की विरासत को आगे बढ़ाया गया।
आनंद की अहम भूमिका
विश्वनाथन आनंद के बाद डी गुकेश खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गये। विश्वनाथन आनंद ने करियर में पांच बार प्रतिष्ठित ताज अपने नाम किया। संयोग से 55 साल के विश्वनाथन आनंद ने चेन्नई में अपनी शतरंज अकादमी में डी गुकेश को एक परफेक्ट खिलाड़ी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डी गुकेश ने मैच के 14वें और आखिरी क्लासिकल टाइम कंट्रोल गेम को जीतकर अपने चीनी प्रतिद्वंद्वी के 6.5 के मुकाबले आवश्यक 7.5 अंक हासिल किए। गुकेश और डिंग लिरेन की 14वीं बाजी अधिकांश समय तक ड्रॉ की ओर बढ़ती दिख रही थी। खिताब जीतने पर डी गुकेश को 2.5 मिलियन डॉलर की पुरस्कार राशि में से 1.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले।
डी गुकेश की सफलता में विश्वनाथन आनंद के अलावा कई अन्य लोगों का भी हाथ है। इसमें मेंटल स्ट्रैंथनिंग कोच पैडी अप्टन भी शामिल हैं। ये वही पैडी अप्टन हैं, जिन्होंने भारत की कई ऐतिहासिक जीत में भूमिका निभाईं हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें