स्वीडन की धाविका अबेबा अरेगावी भी मेलडोनियम के लिए पाजीटिव पाए जाने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गई हैं। यह वही पदार्थ है जिसके लिए रूस की स्टार टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा भी पाजीटिव पाई गई थी। पांच बार की मेजर चैंपियन शारापोवा ने कहा था कि वाडा की 2016 की प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में बदलाव के कारण अनजाने में उनसे यह उल्लंघन हुआ। इस स्टार खिलाड़ी को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया है।
मारिया शारापोवा ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से से पिछले दस साल से मेलडोनियम ले रही हैं। मेलडोनियम का इजाद करने वालों ने सुझाव दिया है कि इस दवा से प्रदर्शन में सुधार में मदद नहीं मिलती। पूर्व विश्व चैंपियन अरेगावी और शारापोवा से पहले 2015 तोक्यो मैराथन के चैंपियन एंडशा नेगेसे, यूक्रेन की ओल्गा अब्रामोवा और आर्तेम तिचेंको के अलावा रूस की आइस डांसर एकतेरिना बोब्रोवा भी इस साल प्रतिबंधित पदार्थों के लिए पाजीटिव पाए जाने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हैं।
डब्लूटीए खिलाड़ी शारापोवा के डोपिंग परीक्षण में विफल रहने से स्तब्ध
इंडियन वेल्स (अमेरिका)। डब्लूटीए टूर की खिलाड़ी टेनिस स्टार मारिया शारापोवा के यह स्वीकार करने से स्तब्ध हैं कि वे डोप परीक्षण में विफल रही हैं और अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि रूस की इस चैंपियन खिलाड़ी को क्या सजा मिलती है। बुधवार को यहां हार्ड कोर्ट टूर्नामेंट इंडियन वेल्स की शुरुआत के दौरान लाकर रूम में शारापोवा का मेलडोनियम के लिए पाजटिव पाया जाना चर्चा का केंद्र रहा।
दो बार की विंबलडन चैंपियन पेत्रा क्वितोवा ने कहा कि वे ‘स्तब्ध’ हैं जबकि दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी एग्निएज्का रदवांस्का ने इसे ‘टेनिस के लिए दुखद दिन’ करार दिया। रदवांस्का ने कहा कि यह टेनिस के लिए दुखद दिन है। किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी। हम सभी इंतजार कर रहे हैं कि वे क्या करने वाले हैं। चेक गणराज्य की क्वितोवा ने कहा कि शारापोवा ने प्रतिबंधित सूची पर ज्यादा ध्यान नहीं देकर ‘बड़ी गलती’ की है। उन्होंने कहा कि हमें पता होना चाहिए कि हमारे शरीर में क्या जा रहा है। यह बड़ी गलती है और शारापोवा इसकी जिम्मेदारी ले रही हैं।
टी20 विश्व कप में नियमित डोप परीक्षण कराएगा आइसीसी
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) अपनी अन्य प्रतियोगिताओं की तरह भारत में होने वाली टी20 विश्व कप के दौरान भी डोप परीक्षण कराएगा। टूर्नामेंट निदेशक एमवी श्रीधर ने बताया कि डोप परीक्षण लंबे समय से आइसीसी प्रतियोगिताओं का हिस्सा रहे हैं। सभी आइसीसी प्रतियोगिताओं में डोप परीक्षण होते हैं और यह कोई नई चीज नहीं है।
श्रीधर ने स्पष्ट किया कि हाल में खेल जगत को झकझोरने वाले डोपिंग प्रकरणों के कारण आइसीसी ने यह कदम नहीं उठाया बल्कि 2011 से ही डोप परीक्षण किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी ऐसा नहीं कहा कि डोप परीक्षण में विफल रहने के कारण ऐसा किया जा रहा है क्योंकि ऐसा लंबे समय से किया जा रहा है। आइसीसी प्रतियोगिताओं में 2011 से डोप परीक्षण हो रहा है। उनकी (अन्य खेलों की) अपनी डोपिंग रोधी एजंसी है लेकिन आइसीसी वाडा का हिस्सा नहीं है और क्रिकेटरों ने रहने के स्थान संबंधी नियम पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। श्रीधर ने बताया कि 2012 में श्रीलंका में टी20 विश्व कप के दौरान भारतीय टीम का डोप परीक्षण हुआ था।
रूस के एथलीट शायद रियो नहीं जा सकें : पाउंड
लंदन। विश्व डोपिंग रोधी एजंसी (वाडा) के पूर्व प्रमुख डिक पाउंड ने चेतावनी दी है कि रूस पर लगा अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध शायद रियो ओलंपिक खेलों के दौरान भी जारी रह सकता है। पाउंड की अध्यक्षता वाले स्वतंत्र आयोग को रूस में सरकार प्रायोजित डोपिंग के साक्ष्य मिले थे जिसके बाद रूस के खिलाड़ियों पर पिछले साल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
कनाडा के पाउंड ने लंदन में ‘टैकलिंग डोपिंग इन स्पोर्ट्स कांफ्रेंस’ में कहा कि रूसी खेलों में डोपिंग को लेकर अब भी इनकार किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि रूसियों को लग रहा है कि विवाद खत्म हो जाएगा और रियो (ओलंपिक) में उनके प्रतिनिधित्व को लेकर कोई सवाल नहीं उठाए जाएंगे। पाउंड ने कहा कि मुझे लगता है कि रूस शायद रियो के लिए वापसी नहीं कर पाए। आइएएएफ (एथलेटिक्स महासंघों के अंतरराष्ट्रीय संघ) और वाडा बिना कोई कदम उठाए अपनी प्रतिष्ठा को लेकर जोखिम नहीं उठाएंगे।