टीम इंडिया क पूर्व कप्तान पिछले ढाई सालल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं बना पाए हैं। दिन पर दिन उनकी फॉर्म खराब होती जा रही है। इस बीच वह कपिल देव समेत कई पूर्व क्रिकेटरों के निशाने पर हैं। इस बीच टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने उनका बचाव किया है और उनके आलचकों को आड़े हाथ लिया है। वहीं टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने कहा है कि आप केवल अपने नाम के बलबूते नहीं खेल सकते। सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ी ड्रॉप हुए हैं।

इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टी-20 में कोहली सिर्फ 11 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद रोहित ने उनके बचाव में कहा, ” हम बाहर की बातें नहीं सुनते हैं। मुझे नहीं पता कि विशेषज्ञ कौन हैं? मुझे यह भी समझ नहीं आता कि उन्हें विशेषज्ञ क्यों कहा जाता है? वे इसे बाहर से देख रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि अंदर क्या चल रहा है। हम एक टीम बना रहे हैं। हमारे पास एक निश्चित विचार प्रक्रिया है। इसके पीछे काफी विचार-विमर्श होता है। इसके पीछे बहुत सोच है। खिलाड़ियों का समर्थन किया जाता है। उनको मौका दिया जाता है। बाहर के लोग इन सब बातों को नहीं जानते। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि बाहर क्या चल रहा है।”

रोहित ने आगे कहा, “अगर फॉर्म की बात करें तो यह सबका ऊपर-नीचे होता है। एक खिलाड़ी की गुणवत्ता कभी कम नहीं होती और हमें यह याद रखना चाहिए। जब आप कुछ टिप्पणी करते हैं, तो आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि खिलाड़ी की गुणवत्ता नीचे नहीं जाती है। हम उस गुणवत्ता का समर्थन करते हैं। यह मेरे साथ हुआ है अन्य खिलाड़ियों के साथ हुआ है। सबके साथ होता है और यह कोई नई बात नहीं है। किसी खिलाड़ी ने इतने लंबे समय तक लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, तो उसे एक या दो सीरीज या एक या दो साल के आधार पर कमतर नहीं आंका जा सकता। लोगों को इसे पूरी तरह समझने में समय लगता है, लेकिन जो टीम चला रहे हैं वे उस गुणवत्ता का महत्व जानते हैं।”

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद का मानना ​​है कि आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ियों को प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना टीम से बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कि फॉर्म में न होने पर सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान जैसे खिलाड़ियों को बाहर बैठना पड़ा। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “एक समय था जब आप फॉर्म से बाहर होते थे, प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना आपको बाहर कर दिया जाता था। सौरव, सहवाग, युवराज, जहीर, भज्जी सभी को फॉर्म में नहीं होने पर बाहर किया गाय। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में रन बनाए और टीम में वापसी की।”

वेंकटेश प्रसाद ने आगे कहा, “लगता है कि मानदंड अब काफी बदल गए हैं, अब आउट ऑफ फॉर्म होने पर आराम दिया जाता है। यह आगे बढ़ना का कोई रास्ता नहीं है। देश में इतनी प्रतिभा है और केवल प्रतिष्ठा के कारण आप नहीं खेल सकते। भारत के मैच विजेता खिलाड़ियों में से एक महान अनिल कुंबले भी कई मौकों पर बाहर बैठे। भलाई के लिए कदम उठाने की जरूरत है।”