सफल होने के लिए खिलाड़ियों का टोटके अपना आम बात है। इसमें क्रिकेटर्स भी शामिल हैं। इसी के चलते वे कभी-कभी खुद की बजाय दूसरे के बल्ले से खेलना पसंद करते हैं। हालांकि, दिनेश कार्तिक ऐसे क्रिकेटर हैं, जिनके बल्ले से खेलने के लिए दूसरे क्रिकेटर उतावले रहते हैं। शायद उन्हें लगता है कि कार्तिक का बैट उनके लिए लकी होगा। रोहित शर्मा ने भी अपना इंटरनेशनल अर्धशतक दिनेश कार्तिक के बल्ले से ही बनाया था। यह बात रोहित ने खुद स्वीकारी थी।

दिनेश कार्तिक ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बहुत से क्रिकेटर अचानक आते हैं और उनसे बैट लेकर बल्लेबाजी के लिए मैदान पर चले जाते हैं। दिनेश कार्तिक ने यूट्यूब चैनल ओकट्री स्पोर्ट्स (Oaktree Sports) पर गौरव कपूर के साथ ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ के दौरान ये बातें शेयर की थीं। जब वे गौरव के साथ अपने अनुभव को साझा कर रहे थे, तब दूर बैठे रोहित शर्मा भी उनके मजे ले रहे थे। यह देख दिनेश कार्तिक ने कहा, ‘तुम्हें (रोहित के लिए) याद है जब हम पहली बार क्रिकेट फील्ड पर मिले थे। तब ऐसा दिखा था कि यह मुझसे बहुत नफरत कर रहा है, लेकिन मुझे पक्का पता था कि यह मुझे प्यार करता है।’

दिनेश कार्तिक ने बताया, ‘इसका (रोहित) पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक भी मेरे बल्ले से निकला है। मुझे इस बात पर बहुत गर्व है।’ गौरव ने पूछा, ‘आपके बल्ले से?’ यह सुन रोहित ने हां में सिर हिलाया। कार्तिक ने बताया कि तब उन्होंने पृथमदृष्टया रोहित को टालने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा कि यह बहुत खराब बैट है। यह बैट अच्छा नहीं है रे। इसने कहा नहीं दे दे। मैंने दे दिया। इसके बाद इसने बहुत शानदार पारी खेली।’

बाद में कार्तिक ने कहा कि इसका क्रेडिट मेरे बैट को नहीं जाता है। निश्चित रूप से बल्लेबाज को क्रेडिट जाता है। कार्तिक ने आगे बताया, ‘हालांकि, ऐसी चीजें (बैट मांगने वाली) मेरे साथ बहुत बार हुईं हैं। इसी तरह कई लोग मेरे इक्विपमेंट भी इस्तेमाल करते हैं। मुझे लगता है कि मैं लकी हूं उनके लिए। तमिलनाडु के कई क्रिकेटर्स ने मुझसे बैट लिए हैं। मेरे पास अचानक लोग आते हैं और बल्ला मांग ले जाते हैं।’

कार्तिक ने बताया कि उन्मुक्त चंद ने भी उनके बल्ले से ही अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में शतक लगाया था। कार्तिक ने बताया, ‘अपराजित बाबा ने मुझसे अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए मेरा बैट मांगा था। वह तमिलनाडु का ही ऑलराउंडर है। हालांकि, बाद में मुझे पता चला कि उस बैट से उन्मुक्त चंद ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला और नाबाद 111 रन बनाए।’ बता दें कि भारत ने उन्मुक्त की कप्तानी में 2002 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था।