Rohit Sharma Birthday: वनडे और टी-20 फॉर्मेट में टीम इंडिया के उप कप्तान रोहित शर्मा की गिनती उन बल्लेबाजों में होती है, जिनके लिए बड़े से बड़े स्कोर के लक्ष्य को हासिल करना असंभव नहीं है। टीम इंडिया के इस धाकड़ बल्लेबाज का जन्म 30 अप्रैल 1987 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था।
आज यानी 30 अप्रैल 2020 को उनका 33वां जन्मदिन है। आक्रामक बल्लेबाजी के चलते रोहित शर्मा को हिटमैन कहा जाता है। उनका मैगीमैन से हिटमैन बनने का सफर आसान नहीं रहा। बचपन में उन्होंने काफी कठिन दिन देखे हैं। कम उम्र में ही उनके कंधों पर परिवार का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी आ गई थी।
रोहित के पिता गुरुनाथ शर्मा एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी करते थे। रोहित जब रणजी मैचों में खेल रहे थे, उसी दौरान उनके पिता की नौकरी चली गई। इसके बाद परिवार का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी रोहित के कंधों पर आ गई। लेकिन किसी भी परिस्थिति से निपटने की क्षमता में माहिर रोहित ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने इंडियन ऑयल में नौकरी ज्वाइन की। वे नौकरी करते थे और रणजी ट्रॉफी के मैच भी खेला करते थे। इससे पहले रोहित की क्रिकेट की क्षमताओं को देखते हुए उनके स्कूल ने उन्हें पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप भी देता था।
यह बात कम ही लोगों को मालूम होगी कि रोहित की मां उन्हें क्रिकेटर नहीं बनाना चाहती थीं। वे चाहती थीं कि उनका बेटा पढ़-लिखकर एक अच्छी सी नौकरी करे। लेकिन रोहित ने उनकी यह बात कभी नहीं मानी और अपने सपने को सच साबित कर दिखाया। रोहित की मां विशाखापट्टनम की रहने वाली हैं। शायद यही वजह है कि रोहित को हिंदी, अंग्रेजी, मराठी के अलावा तेलुगू भाषा भी आती है।
रोहित ने 2007 में एक टी20 मैच में छक्के से अपना अर्धशतक पूरा किया था। उनके पिता के मुताबिक, वह उनके लिए सबसे खूबसूरत पल था। यह भी शायद किसी को मालूम हो कि रोहित के बैटिंग आइकन सचिन तेंदुलकर नहीं, बल्कि वीरेंद्र सहवाग हैं। रोहित वीरेंद्र सहवाग से मिलने के चक्कर में एक बार स्कूल भी बंक कर चुके हैं।
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने एक बार खुलासा किया था कि रोहित को सबसे ज्यादा सोना पसंद है। विराट ने कहा था कि भारतीय क्रिकेट टीम में जितने भी खिलाड़ी हैं, उनमें सबसे ज्यादा रोहित ही सोते हैं। वे मौका मिलने पर कहीं पर भी सो जाते हैं। रोहित शर्मा उन चार क्रिकेटरों में हैं, जिन्होंने दो अलग-अलग टीमों (डेक्कन चार्जर्स और मुंबई इंडियंस) के साथ आईपीएल जीता है। उनके अलावा लक्ष्मीपति बालाजी, प्रज्ञान ओझा और यूसुफ पठान के नाम भी यह रिकॉर्ड दर्ज है।

