विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा कि पूर्व खिलाड़ी किरन मोरे की देखरेख में विकेट के पीछे मेहनत करने से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनमें काफी सुधार हुआ। इंग्लैंड में चुनौतीपूर्ण हालात में विकेट के पीछे खराब प्रदर्शन के लिए आलोचना झेलने वाले पंत ने ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन किया। इंग्लैंड में लाल ड्यूक गेंद की स्विंग के कारण पंत ने बाई के रूप में काफी रन दिये थे। ऑस्ट्रेलिया में हांलाकि उन्होंने 20 कैच पकड़कर वापसी की जिसमें एडीलेड में विश्व रिेकार्ड की बराबरी करते हुए 11 कैच लपकना भी शामिल है।
पंत ने पीटीआई से विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘ इंग्लैंड में कीपिंग करना बिल्कुल अलग तरह का अनुभव था। उस दौरे के बाद मैंने एनसीए में किरण सर (मोरे) के साथ काम किया। इसमें हाथ की स्थिति और शरीर की मुद्रा पर ध्यान देना शामिल था। हर विकेटकीपर का अपना तरीका होता है, मैंने थोड़ा सा बदलाव किया जिसका मुझे फायदा मिला।’’ पंत ने हालांकि ज्यादा विस्तार से चर्चा तो नहीं की लेकिन मोरे ने उनके बदलाव की बुनियादी चीजों के बारे में बताया।
अनुभवी कोच और राष्ट्रीय चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष मोरे ने कहा, ‘‘ मैंने ऋषभ के कीपिंग के तरीके में बदलाव किया। इससे संतुलन बनाये रखने, सिर को सीधा रखने में मदद मिलती है। यह उसी तरह है जिससे महेन्द्र सिंह धोनी को सफलता मिली।’’ पंत हर दिन अपने खेल में सुधार करना चाहते हैं जिसमें विकेटकीपिंग भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘ जब आप कम उम्र में टीम का हिस्सा बनते हैं तब आप अधिक से अधिक सीखने की कोशिश करेंगे, बेहतर है कि आप उन मौकों का फायदा उठायें जो आपको मिले।’’ पंत की करियर का बड़ा बदलाव इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट मैच के बाद आया जहां उन्होंने शतकीय पारी खेली थी। इसका असर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दिखा जहां उन्होंने विकेट से पीछे और विकेट के आगे शानदार प्रदर्शन किया।