पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि दार्जिलिंग में एक नए क्रिकेट स्टेडियम का नाम भारत की 2025 महिला विश्व कप विजेता ऋचा घोष के नाम पर रखा जाएगा। यह कदम सिलीगुड़ी में जन्मीं 22 वर्षीय क्रिकेटर को उपहार है, जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में भारत को ऐतिहासिक खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऋचा घोष के सम्मान में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान यह घोषणा की और इस बात पर जोर दिया कि बंगाल यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उनकी उपलब्धियों को पीढ़ियों तक याद रखा जाए।
अगर ममता बनर्जी का स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव सफल होता है तो यह भारत में महिला क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा। यह देश का पहला ऐसा स्टेडियम होगा जिसका नाम किसी महिला क्रिकेटर के नाम पर रखा जाएगा, जो खेल में महिलाओं के योगदान की बढ़ती मान्यता का प्रतीक है। विशाखापत्तनम के एसीए-वीडीसीए स्टेडियम और कोलकाता के ईडन गार्डन में क्रमशः मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसी दिग्गज खिलाड़ियों के नाम पर स्टैंड हैं, लेकिन एक महिला क्रिकेटर को समर्पित एक पूरा स्टेडियम ऋचा के प्रति अभूतपूर्व सम्मान होगा।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘ऋचा सिर्फ 22 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बन गईं। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से हमने उन्हें सम्मानित किया, लेकिन मैं और भी कुछ करना चाहती हूं। दार्जिलिंग में लगभग 27 एकड़ जमीन है और मैंने मेयर से वहां एक क्रिकेट स्टेडियम बनाने की योजना बनाने को कहा है। इसका नाम ऋचा क्रिकेट स्टेडियम रखा जाना चाहिए, ताकि लोग भविष्य में उनके प्रदर्शन को याद रखें और उससे प्रेरित हों।’
दो नवंबर 2025 को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में महिला विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका पर भारत की 52 रनों की जीत के बाद ऋचा घोष का उनके गृहनगर सिलीगुड़ी में भव्य स्वागत हुआ। इस कार्यक्रम में अध्यक्ष सौरव गांगुली की अगुआई में बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने ममता बनर्जी के साथ मिलकर युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज को सम्मानित किया। ऋचा घोष को सौरव गांगुली और भारतीय दिग्गज झूलन गोस्वामी के हस्ताक्षर वाला एक सोने का बल्ला और गेंद भेंट की गई।
पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित बंग भूषण पुरस्कार, एक सोने की चेन और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के सम्मान में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर नियुक्त किया। सौरव गांगुली ने ऋचा घोष की निरंतरता और धैर्य की सराहना करते हुए उन्हें ‘भविष्य की भारतीय कप्तान’ कहा।
ऋचा घोष विश्व कप में भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से एक थीं। ऋचा घोष ने एक शक्तिशाली फिनिशर और विश्वसनीय विकेटकीपर के रूप में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। ग्रुप चरण में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी 94 रन की पारी ने मैच को भारत के पक्ष में मोड़ दिया और दबाव में उनकी परिपक्वता को दर्शाया।
