भारतीय महिला क्रिकेट को शर्मनाक वाली एक खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मध्य प्रदेश महिला सीनियर क्रिकेट टीम की खिलाड़ी अंशुला राव नाडा के डोप टेस्ट में फेल हो गईं हैं । उन्हें प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन करने का दोषी पाया गया है। उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए किया था। भारत में पहली बार किसी महिला क्रिकेटर का यह मामला सामने आया है। पिछले साल ही अगस्त में बीसीसीआई ने नाडा को क्रिकेट प्लेयर्स के जांच की इजाजत दी थी। उसके बाद यह पहली भारतीय खिलाड़ी हैं, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
अंशुला का कहना है कि 19-नोरंड्रोस्टेने का सेवन करने के कारण उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मार्च में वड़ोदरा में उनका टेस्ट किया गया था। अब नाडा का (एडीडीपी) एंटी-डोपिंग डिससिप्लिनरी पैनल उनकी सजा के बारे में फैसला करेगा। यह सजा दो से लेकर चार साल तक की हो सकती है।
अंशुला एक शानदार ऑलराउंडर मानी जाती हैं। नाडा ने उनके यूरिन के सैंपल की जांच कतर स्थित दोहा प्रयोगशाला में की थी। इसमें प्रतिबंधित दवा लेने की बात सामने आई थी। नाडा ने तब उनको प्रोविजनली सस्पेंड कर रखा था। नाडा ने पिछले महीने रिपोर्ट जारी की थी। अपनी रिपोर्ट में (एएफएस) एडवर्स एनालिटिकल फाइंडिंग्स मिलने के बाद से ही उसने उन पर निलंबन लगा दिया था। अंशुला चाहें तो अपने B सैंपल के जांच की मांग कर सकती हैं।
अंशुला राव से पहले पिछले साल ही पुरुष टीम के युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ को भी इसी प्रकार के आरोप में आठ महीने का प्रतिबंध झेलना पड़ा था। उन्होंने एक कफ-सिरप का प्रयोग किया था। इसके बाद जांच में उसमें प्रतिबंध तत्व की बात सामने आई थी। बता दें कि बीसीसीआई ने पिछले साल से ही नाडा को डोप जांच करने की इजाजत दी है। इससे पहले वह हमेशा इससे इनकार करता रहा है। ऐसे में अब खिलाड़ियों को भी अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। बिना जांच-पड़ताल और नाडा के नियमों की अनदेखी कर किसी भी प्रकार की दवा लेने से बचना चाहिए।