खेल के मैदान में तो खिलाड़ियों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी होते हैं जो अपनी एक ऐसी छवि बनाते हैं कि लंबे समय तक उनका प्रदर्शन लोगों के जेहन में होता है। ऐसे ही एक खिलाड़ी ने क्रिकेट जगत में अपना एक ऐसा औरा बनाया है जो लोगों के लिए आज भी एक मिसाल है, दरअसल हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के दिग्गज गेंदबाज सकलैन मुश्ताक की जिन्होंने अपने करीब 9 साल के क्रिकेट करियर में बुलंदियों को छुआ और पूरी दुनिया में नाम कमाया। 29 दिसंबर 1976 को लाहौर में इस खिलाड़ी का जन्म हुआ था। आज इस खिलाड़ी का जन्मदिन है तो आइए आपको बताते हैं इस गेंदबाज के बारे में कुछ दिलचस्प बातें….
वर्ल्ड कप में जब लगाई थी हैट्रिकः इस दिग्गज गेंदबाज ने यूं तो मैदान पर कई बार अपना जलवा बिखेरा है लेकिन फिर भी 1999 के वर्ल्ड कप में इस गेंदबाज ने जब हैट्रिक लगाई थी तो सबसे ज्यादा नाम भी कमाया था। जी हां वो तारीख थी 11 जून 1999। ये वही वर्ल्डकप था जिसमें भारत सुपर सिक्स में तो पहुंचा था, मगर सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका था। वहीं, पाकिस्तान टीम उस वक्त अपने चरम फॉर्म में थी। फाइनल तक पहुंची थी लेकिन वहां उसे बहुत बुरी तरह ऑस्ट्रेलिया ने हराया था। इसी विश्वकप में पाक का एक मैच था 11 जून को जिंबाब्वे से जिसमें मुश्ताक ने हैट्रिक जमाई थी।

अब आपको लग रहा होगा कि जिंबाब्वे के खिलाफ ऐसा करना तो आसान ही रहा होगा लेकिन ये वो टीम थी जब इसका हिस्सा ग्रैंड फ्लावर, ऐंडी फ्लावर, हीथ स्ट्रीक, हेनरी ओलंगा हुआ करते थे। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए पाक ने 271 रन बनाए थे जिसके जवाब में जिंबाब्वे 123 पर सिमट गई। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक समय 123 रन पर 7 विकेट था लेकिन मुश्ताक ने 34वीं ओवर की पहली गेंद पर हेनरी ओलंगा को स्टंप आउट करवाया तो दूसरी गेंद पर एडम हकल को और तीसरी गेंद पर बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू करके उन्होंने अपने वनडे करियर की दूसरी और वर्ल्ड कप की पहली हैट्रिक लगाई।

इसके अलावा पाकिस्तान के इस दिग्गज के गेंदबाज के नाम वनडे मैच में एक साल के अंदर सबसे ज्यादा विकेट लेने का भी रिकॉर्ड दर्ज है। सकलैन मुश्ताक ने यह रिकॉर्ड 1997 में बनाया था। साल 1997 में सकलैन मुश्ताक ने 36 वनडे मैच खेले थे, जिसमें 18.73 की एवरेज से 69 विकेट झटके थे, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इस खिलाड़ी ने अपने करियर में 49 टेस्ट मैच खेले और 208 विकेट झटके जबकि वनडे के 169 मैचों में इस गेंदबाज के नाम 288 विकेट दर्ज हैं। इस खिलाड़ी ने अपने करियर का अंत 2004 में मुल्तान के मैदान में भारत के खिलाफ हुए टेस्ट मुकाबले में किया जब उन्होंने वनडे के बाद टेस्ट से संन्यास ले लिया।