भारतीय क्रिकेट टीम के टीम निदेशक रवि शास्त्री ने आज वादा किया कि भारत अपने ‘आक्रामक क्रिकेट’ से पीछे नहीं हटेगा और उनका मानना है कि प्रदर्शन में निरंतरता और धैर्य अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली श्रृंखला में मेहमान टीम की सफलता की कुंजी होंगे।

श्रीलंका में हाल में भारत के ऐतिहासिक श्रृंखला जीतने के बाद टीम निदेशक के पद पर बरकरार रखे गए शास्त्री ने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका दुनिया की नंबर एक टीम है। उन्हें दबाव में डालने के लिए हमें लंबे समय तक लगातार अच्छा क्रिकेट खेलना होगा। यही हमारी कोशिश होगी। हमारे खेलने की शैली में बदलाव नहीं आएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका में हमारे प्रदर्शन पर गौर करो तो आप देखेंगे कि जीत और हार के बीच का अंतर प्रदर्शन में निरंतरता था।’’

यह पूछने पर कि क्या निरंतरता का मतलब अहम लम्हों में विजयी होना है तो उन्होंने कहा, ‘‘हां, मैं बिलकुल यही कह रहा हूं। और विरोधी को दबाव में डालने के बाद इससे बाहर नहीं निकलने देना। इसके लिए काफी धैर्य की जरूरत होती है।’’

शास्त्री ने ‘बीसीसीआई.टीवी’ से कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में और श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में हमने पर्याप्त धैर्य नहीं दिखाया। अगले दो टेस्ट में धैर्य और अनुशासन आने के साथ हम नतीजे देख सकते हैं।’’

भारत और दक्षिण अफ्रीका पहली बार चार टेस्ट की श्रृंखला में आमने सामने होंगे जबकि दौरे पर पांच वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले जाएंगे। दौरे की शुरुआत दो अक्तूबर को धर्मशाला में टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के साथ होगी।

शास्त्री ने कहा कि तेज गेंदबाज इशांत शर्मा को सीखना होगा कि आक्रामक क्रिकेट खेलते हुए सीमा कैसे बनाए रखनी है। उन्होंने स्वीकार किया कि श्रीलंका के खिलाफ आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए एक मैच के प्रतिबंध के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम को उनकी कमी खलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि आक्रामकता के कारण उसे काफी फटकार का सामना करना पड़ा है और वह सीख जाएगा कि कहां सीमा बनानी है। लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि उसे पूरी टीम का समर्थन हासिल है। मैं चाहता हूं कि वह आक्रामक रहे और मैं उसे उस दिशा में ले जाने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। लेकिन मैं सीमा भी बनाऊंगा।’’

शास्त्री ने कहा, ‘‘हमें पहले टेस्ट में उसकी कमी खलेगी। वह हमारा सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज है। उसने श्रीलंका में शानदार गेंदबाजी की और वह अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में है। कुछ और भाग्य के साथ वह उस श्रृंखला में 10 और विकेट हासिल कर सकता था।’’