अनिल कुम्‍बले को भारतीय टीम का कोच बनाए जाने के बाद रवि शास्‍त्री और सौरव गांगुली के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आ रहे हैं। थाईलैंड में 10 दिन तक छुटि्टयां मनाने के बाद भारत लौटे शास्‍त्री ने कोच ने चुने जाने पर निराशा जताई। साथ ही गांगुली से विवाद पर कहा कि उनसे जाकर उन्‍हें क्या समस्‍या है। शास्‍त्री ने कहा, ”मैं यही कह सकता हूं कि जब मेरा इंटरव्यू हुआ तब गांगुली वहां मौजूद नहीं थे। आपको गांगुली से पूछना चाहिए कि उन्‍हें मुझसे क्‍या समस्‍या है।” उनका यह जवाब उस सवाल पर आया जिसमें उनसे पूछा गया था कि आपके इंटरव्यू के दौरान गांगुली बाहर क्यों चले गए थे।

…तो इस तरह एडवायजरी कमिटी की सिफारिश के बावजूद BCCI ने रवि शास्‍त्री को नहीं बनाया बैटिंंग कोच

गौरतलब है कि कोच पद के लिए एडवायजरी कमिटी ने जब रवि शास्‍त्री का इंटरव्यू लिया तब गांगुली कमरे में मौजूद नहीं थे। उस समय वे बंगाल क्रिकेट के अध्‍यक्ष होने के नाते वीडिेयो लिंक के जरिए बीसीसीआई की बैठक में शामिल थे। एडवायजरी कमिटी में गांगुली के अलावा सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्‍मण थे। इंटरव्यू में किस तरह की बातें हुईं, इस सवाल पर रवि शास्‍त्री ने बताया कि सचिन, लक्ष्‍मण और संजय जगदाले से उनकी अच्‍छी बातचीत हुई। उनके टीम डायरेक्‍टर रहते हुए तो अच्‍छी बातें हुईं उन पर भी चर्चा की गई।

गांगुली की मदद से अनिल कुम्‍बले बने भारतीय टीम के कोच, बोर्ड ने भी बदले नियम-कायदे

एमएस धोनी की कप्‍तानी के बारे में शास्‍त्री ने बताया, ”धोनी महानतम खिलाडि़यों में से एक है। अब भी वे जिस तरह से 100 मीटर की दौड़ लगाते हैं वह बेस्‍ट है। मुझे लगता है कि उनमें अब भी 3-4 साल का क्रिकेट बाकी है। हालांकि आपको देखना होगा कि विराट कोहली तीनों फॉर्मेट में कप्‍तानी कर सकते हैं। लेकिन इसका फैसला चयनकर्ताओं को करना है। मुझे लगता है कि धोनी कप्‍तानी छोड़ने के बाद सचिन और द्रविड़ की तरह आराम से खेल सकेंगे।”