घरेलू क्रिकेट के स्टार खिलाड़ी करुण नायर की बल्लेबाजी का कमाल जारी है। रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में उन्होंने विदर्भ के लिए खेलते हुए महज 10 रन बनाकर एक बड़ा मुकाम हासिल किया। सिर्फ यही नहीं वह एक बार फिर टीम के लिए संकटमोचक साबित हुए। केरल के खिलाफ उन्होंने अपनी टीम की डूबती नैया किसी तरह किनारे लगा दी।

केरल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। विदर्भ ने जल्दी ही विकेट खो दिए थे। करुण नायर बल्लेबाजी करने आए तो टीम का स्कोर 24 रन पर तीन विकेट था। यहां से उन्होंने दानिस मालेवर के साथ मिलकर टीम की पारी को संभाला। उन्होंने जैसे ही 10 रन बनाए फर्स्ट क्लास में उनके 8 हजार रन भी पूरे हो गए।

करुण नायर ने दानिश के साथ 115 रन की साझेदारी की। इसी कारण टीम का स्कोर 200 के पार पहुंच पाया। केरल के गेंदबाजों ने बहुत कोशिश की लेकिन वह इस साझेदारी को दिन के आखिरी सेशन तक तोड़ने में नकामयाब रहे। करुण नायर ने अपनी पारी में 188 गेंदों का सामना किया और 86 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 8 चौके और एक छक्का लगाया।

नायर 82वें ओवर में रन आउट हुए। चौथी गेंद पर करुण ने शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन गेंद स्लिप की ओर गई, विकेटकीपर गेंद को रोक नहीं पाया। सचिन बेबी दूसरी स्लिप से भागे और गेंद सीधे स्टंप्स पर मारी। करुण नायर ने रन चुराने की कोशिश की लेकिन फिर वापस लौटे लेकिन काफी देर हो गई। नायर ने 188 गेंदों में 86 रन बनाए।