बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) अगले सत्र के लिए बंगाल सीनियर टीम के लिए एक नया कोच नियुक्त करने के लिए आईपीएल का बाजार तलाशने पर विचार कर रहा है। पता चला है कि सीएबी इस बार रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में मध्य प्रदेश के खिलाफ बंगाल की हार के बाद मौजूदा कोच अरुण लाल को उनके कर्तव्यों से मुक्त करने पर विचार कर रही है। अरुण लाल के रहते हुए बंगाल ने 2019-20 में रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेला था।

इस सीजन में बंगाल ने झारखंड के खिलाफ विश्व रिकॉर्ड बनाया और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। उस मैच में बंगाल के 9 बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाए थे। हालांकि, सेमीफाइनल में पहली पारी में मनोज तिवारी और शाहबाज अहमद के शतकों को छोड़ दें तो मध्य प्रदेश के खिलाफ उसकी बल्लेबाजी चरमरा गई। बंगाल क्रिकेट बिरादरी में 66 साल के अरुण लाल के प्रति सम्मान है, लेकिन धारणा यह भी है कि टीम को युवा कोच की अगुआई में नई दिशा की जरूरत है।

सीएबी से जुड़े सूत्र के अनुसार, ‘राज्य क्रिकेट संघ वसीम जाफर को नियुक्त करने का इच्छुक था। इसके लिए मुंबई और भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज को फोन भी किए गए, लेकिन वह पहले ही बांग्लादेश अंडर-19 टीम की कमान संभाल चुके हैं और उपलब्ध नहीं थे। बंगाल अंडर-23 टीम के कोच रहे बंगाल और भारत के पूर्व ऑलराउंडर लक्ष्मी रतन शुक्ला के नाम पर भी विचार हो रहा है, लेकिन फिलहाल वह पहली पसंद नहीं हैं।’

सीएबी के एक पदाधिकारी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, ‘विचार एक ऐसे कोच को नियुक्त करने का है जो हमारे खिलाड़ियों को अगले स्तर के लिए तैयार करे, ताकि वे भारतीय टीम का दरवाजा खटखटा सकें। यह एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए। बेशक, रणजी ट्रॉफी जीतना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी बहुत अहम है।’

उन्होंने बताया, ‘सीएबी एक ऐसा कोच चाहती है जो टीम की बल्लेबाजी का भी प्रभार उठाने में सक्षम हो। अगर कोई कोच टीम की बल्लेबाजी देख सकता है, तो हमें अलग से बल्लेबाजी कोच नियुक्त करने की जरूरत नहीं होगी।’

राज्य की टीम को कोचिंग देने और आईपीएल फ्रैंचाइजी के कोचिंग सेट-अप का हिस्सा बनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। साईराज बहुतुले और अमोल मजूमदार ने राजस्थान रॉयल्स के कोचिंग सेट-अप का हिस्सा होने के साथ-साथ क्रमशः गुजरात और मुंबई को कोचिंग भी दी है।

संबंधित राज्य संघों के साथ उनके अनुबंध ने उन्हें टी20 लीग का हिस्सा बनने के लिए दो महीने का समय दिया। बंगाल क्रिकेट संघ भी उसी तर्ज पर विचार कर रहा है। हालांकि, अब तक कोई शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि बंगाल क्रिकेट हाइरार्की घरेलू सर्किट में चंद्रकांत पंडित के काम की प्रशंसा करता है। मुंबई और भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज के कोच रहते हुए विदर्भ ने 2017-18 और 2018-19 में बैक-टू-बैक खिताब जीते। उनकी अगुआई में मध्य प्रदेश इस बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में है।

वैसे चंद्रकांत पडिंत को लेकर एक आशंका यह है कि उनकी प्रबंधन शैली थोड़ी पुरानी है। यह बात बड़ी टीमों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती हो। हाई-प्रोफाइल ड्रेसिंग रूम में, मैन मैनेजमेंट प्रमुख कारक बन जाता है। पता चला है कि अगर एंडी फ्लावर जैसा कोई व्यक्ति उपलब्ध होता है तो सीएबी को किसी विदेशी की भी नियुक्ति करने से कोई गुरेज नहीं है। हालांकि, फिलहाल, यह सिर्फ एक बैक-अप योजना है और एक दूर की कौड़ी है।