Ranji Trophy Final 2022-2023: बेहतरीन फॉर्म में चल रही बंगाल की टीम गुरुवार 16 फरवरी 2023 को कोलकाता में शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी फाइनल में जीत हासिल करके 33 साल बाद चैंपियन बनने की कोशिश करेगी। हालांकि, इसके लिए उसे जयदेव उनादकट की वापसी से मजबूत बनी सौराष्ट्र की टीम की कड़ी चुनौती से पार पाना होगा। सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने साफ कर दिया कि रणजी ट्रॉफी खिताब जीतना उनकी टीम के दिग्गज क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा के लिए सच्चा सम्मान होगा जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में अपना 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे।
बंगाल ने 1990 में आखिरी बार जीता था खिताब
बंगाल न केवल जीत के लिए भूखा होगा, बल्कि वह बदला चुकता करने की कोशिश भी करेगा। बंगाल ने 2020 में रणजी फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन तब राजकोट में उसे सौराष्ट्र ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर हरा दिया था। ये दोनों टीम फिर से एक दूसरे के सामने कड़ी चुनौती पेश करेंगी, लेकिन इस बार मैच ईडन गार्डंस होगा जहां बंगाल ने आखिरी बार 1990 में खिताब जीता था।
बैटिंग और बॉलिंग दोनों में मजबूत है बंगाल की टीम
बंगाल की टीम बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभाग में मजबूत है। उसके पास सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन, ऑलराउंडर शाहबाज अहमद और तेज गेंदबाज मुकेश कुमार जैसे खिलाड़ी हैं जो शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। तेज गेंदबाज आकाशदीप ने बंगाल को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।
आकाशदीप ने अब तक 9 मैच में 37 विकेट लिए हैं, जबकि युवा सुदीप घरामी ने 789 रन बनाए हैं। वह टीम की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे स्थान पर हैं। हाल के दिनों में बंगाल का मजबूत पक्ष तेज गेंदबाजी विभाग रहा है। ऐसे में आकाशदीप, इशान पोरेल और मुकेश कुमार फाइनल में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।
जयदेव उनादकट से मजबूत हुआ है सौराष्ट्र
सौराष्ट्र को हालांकि उनादकट की वापसी से मजबूती मिली है। अभिमन्यु, बंगाल की तरफ से अब तक सर्वाधिक 790 रन बनाने वाले अनुस्तुप मजूमदार, घरामी और कप्तान मनोज तिवारी को उनादकट के सामने सतर्कता के साथ खेलना होगा। मनोज तिवारी अभी राज्य के खेल मंत्री भी हैं। उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10,000 रन पूरा करने के लिए 167 रन की जरूरत है। इस सत्र में वह हालांकि अब तक 398 रन ही बना पाए हैं।
बदला लेने की नीयत से मैदान पर नहीं उतरेगा बंगाल
मनोज तिवारी ने कहा कि उनकी टीम बदला चुकता करने के उद्देश्य से मैदान पर नहीं उतरेगी। उन्होंने कहा, ‘हम इस शब्द का उपयोग नहीं करना चाहते हैं। इसे हासिल करने के लिए हमें निश्चित तौर पर उन्हें हराना होगा। जीत के बाद हम कह सकते हैं कि हमने बदला चुकता कर दिया।’
सौराष्ट्र के लिए उनादकट और चेतन सकारिया हैं तुरुप के इक्के
जहां तक सौराष्ट्र का सवाल है तो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज उनादकट और चेतन सकारिया उसके तुरुप के इक्के हैं। ईडन गार्डन्स की घास वाली पिच पर बंगाल के बल्लेबाजों के लिए उनका सामना करना आसान नहीं होगा। उनादकट ने साफ किया तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल पिच पर अपने गेंदबाजों के बलबूते पर बंगाल के लिए जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर उनके गेंदबाज हमारे बल्लेबाजों के लिए चुनौती हैं तो हमारे गेंदबाज भी उनके बल्लेबाजों के सामने चुनौती पेश करेंगे।’