पूर्व भारतीय कप्तान रानी रामपाल पिछले दो साल से राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम से बाहर हैं। इस अनदेखी के लिए रानी रामपाल ने महिला हॉकी टीम की मुख्य कोच यानेक शॉपमैन पर निशाना साधा। रानी रामपाल ने कहा कि उनका जल्द ही संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है। टोक्यो ओलंपिक में भारत के पहली बार चौथे स्थान पर रहने के दौरान टीम की अगुआई करने वाली रानी उसके बाद से ही टीम से बाहर हैं।

इस 28 साल की स्ट्राइकर ने शॉपमैन से जवाब मांगा कि आखिर क्यों उनकी अनदेखी हो रही है। नाराज रानी रामपाल ने भारतीय अंडर-17 लड़कियों की टीम की कोच बनाए जाने के बाद कहा, ‘पिछले दो साल में मेरे साथ जो हुआ वह सही नहीं है। जहां तक मेरे करियर का सवाल है, चोट से वापसी करने, अच्छा प्रदर्शन करने और राष्ट्रीय खेलों के दौरान खेलने के बावजूद मुझे सीनियर टीम में नहीं चुना गया।’

बतौर खिलाड़ी अब भी हॉकी को बहुत दे सकती हूं: रानी रामपाल

रानी रामपाल ने कहा, ‘सिर्फ कोच ही इसका कारण बता सकती हैं।’ रानी ने कहा, ‘लेकिन इस घटना ने अब तक मुझे संन्यास की योजना बनाने के लिए बाध्य नहीं किया है। मुझे पता है कि मैं खिलाड़ी के रूप में अब भी खेल को और अधिक दे सकती हूं। मैं कभी हार नहीं मानना चाहती। अगर ऐसा होता तो मैं ओलंपिक के बाद सब कुछ छोड़ देती।’

टोक्यो में चौथे स्थान पर रहने के बाद रानी सर्जरी के कारण कुछ महीनों के लिए बाहर रहीं थीं, लेकिन गुजरात में 2022 राष्ट्रीय खेलों में 6 मैच में 18 गोल करने के बावजूद उनकी राष्ट्रीय टीम में वापसी नहीं हुई। रानी रामपाल ने कहा, ‘मैं हॉकी खेलना जारी रखूंगी, क्योंकि मेरा मानना है अब भी खिलाड़ी के रूप में मेरा करियर बचा है।’

दिलीप टिर्की ने जताई रानी रामपाल से सहानुभूति

हॉकी इंडिया के प्रमुख दिलीप टिर्की ने रानी रामपाल के प्रति सहानुभूति जाहिर की। हालांकि, दिलीप टिर्की ने कहा कि महासंघ के पदाधिकारी के रूप में वे चयन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते। दिलीप टिर्की ने कहा, ‘हम रानी रामपाल के दुख को समझते हैं।’

दिलीप टिर्की ने कहा, ‘हमने राष्ट्रीय टीम से उनकी अनुपस्थिति के बारे में बात की है। हमने चयनकर्ताओं और मुख्य कोच दोनों से सलाह मशविरा किया है। हमारी रानी से भी बातचीत हुई है। हालांकि, हम इन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। यह कोच और चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है।’