बाएं हाथ के दिग्गज स्पिनर राजिंदर गोयल का लंबी बीमारी के बाद रविवार रात 77 साल की उम्र में निधन हो गया। रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड अब भी उनके नाम दर्ज है। उन्होंने राजिंदर गोयल ने रणजी ट्रॉफी में में 637 विकेट लिए थे। अब तक कोई भी दूसरा गेंदबाज रणजी ट्रॉफी में 600 या उससे ज्यादा विकेट नहीं ले पाया है। उनके निधन पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अलावा कई पूर्व क्रिकेटरों ने दुख जताया है।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा, ‘हमने घरेलू क्रिकेट के दिग्गज को खो दिया। उनका रिकॉर्ड बताता है कि वह कितने शानदार गेंदबाज थे। वह 25 साल से ज्यादा क्रिकेट खेले। इससे पता चलता है कि उनका खेल के प्रति समर्पण कितना ज्यादा था।’
उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 750 विकेट लिए थे। घरेलू क्रिकेट में हर तरह के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद भी राजिंदर गोयल को कभी देश के लिए खेलने का मौका नही मिला था। राजिंदर गोयल ने पटियाला, दक्षिण पंजाब, दिल्ली और हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लिया। सुनील गावस्कर ने अपनी किताब IDOLS में भी उनका जिक्र किया है।
इतने अच्छे रिकॉर्ड के बावजूद सेलेक्टर्स ने कभी उन्हें भारतीय टीम में चयन के लायक नहीं समझा। हालांकि, इसका उन्हें कभी गुरेज भी नहीं रहा। उनके निधन पर दिग्गज क्रिकेटर पद्माकर शिवालकर ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘मेरा और राजिंदर गोयल की जिंदगी का एक ही फलसफा था। जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया। मैं देव साब और रफी साब का बहुत बड़ा फैन हूं। मुझे नहीं पता कि राजिंदर को देव साब पसंद थे या नहीं, लेकिन यह लाइन (मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया) हम दोनों पर फिट बैठती है।’
राजिंदर गोयल की प्रतिभा के क्रिकेट फैंस ही नहीं डाकू तक लोहा मानते थे। एबीबी न्यूज के मुताबिक, मध्य प्रदेश की ग्वालियर जेल से भूरा सिंह यादव नाम के डाकू ने उनको पत्र लिखा था। साल 1984 या 85 की बात होगी। राजिंदर गोयल घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए दिल्ली गए थे। इस बीच उनके घर एक पत्र आया।
मैच खेलने के बाद जब वह घर पहुंचे तो पता चला मध्य प्रदेश की ग्वालियर जेल से किसी डाकू ने पत्र भेजा है। डाकू का नाम सुनकर घर वाले डर गए। हालांकि, जब पत्र खोला गया तो उसमें लिखा था कि रणजी में 600 से भी ज्यादा विकेट लेने के लिए आपको बहुत मुबारक। भगवान से दुआ करता हूं कि आप आगे भी ऐसे ही चमकते रहे। उस चिट्ठी को राजिंदर गोयल ने अपने जीवन भर संभाल कर रखा।
बीसीसीआई ने 2017 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था। गोयल का कहना था कि बीसीसीआई का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिलने से ज्यादा ग्वालियर जेल के उस डाकू की मिली चिट्ठी से खुशी मिली थी।
उन्होंने रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक सीजन में 15 बार 25 से ज्यादा विकेट लिए। उन्होंने 157 मैच में 750 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एक पारी में 55 रन पर 8 विकेट था। उन्होंने 59 बार 5 और 18 बार 10 विकेट लेने का कारनामा किया। उन्होंने 1037 रन भी बनाए।