Rahul Dravid Birthday: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और वर्ल्ड चैंपियन कोच राहुल द्रविड़ का नाम टेस्ट क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाजों में आता है। 11 जनवरी 1973 को इंदौर में जन्में राहुल द्रविड़ के नाम टेस्ट क्रिकेट में 13 हजार से ज्यादा और वनडे क्रिकेट में 10 हजार से ज्यादा रन हैं। दीवार के नाम से मशहूर दाएं हाथ के इस दिग्गज बल्लेबाज ने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी खूब रन बनाए। 2003-04 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा राहुल द्रविड़ के लिए काफी शानदार रहा था।
राहुल द्रविड़ ने 4 मैच की 8 पारियों में 123.80 के औसत से 619 रन बनाए थे। द्रविड़ ने एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट में 233 और 72 रन की पारी खेली थी। द्रविड़ के 305 रन के बदौलत भारतीय टीम एडिलेड में पहली बार जीती थी। द्रविड़ की इस पारी को लेकर पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने एक दिलचस्प खुलासा किया है। आकाश चोपड़ा तब भारतीय टीम के ओपनर बल्लेबाज थे। उन्होंने बताया कि तब भारतीय टीम के कोच जॉन राइट ने राहुल द्रविड़ को टेस्ट मैच से पहले प्रैक्टिस छोड़ फिल्म देखने की सलाह दी थी। कोच ने द्रविड़ को यह सलाह क्यों दी थी आइए जानते हैं।
राहुल द्रविड़ हैरान थे
आकाश चोपड़ा ने कहा, “राहुल द्रविड़ हैरान थे जब जॉन राइट ने बोला कि चले जाओ तुम न प्रैक्टिस में मत आओ पिक्चर देखकर आओ। टेस्ट मैच शुरू हो रहा है। दो दिन में एडिलेड में टेस्ट मैच है। यहां मुझे अच्छा करना ही करना है। यहां जॉन रॉइट को लगा कि राहुल अपने आप पर बहुत दबाव ले रहे हैं। मुझे अच्छा करना है। इतना ज्यादा अपने ऊपर प्रेशर बना लिया कि इसे कम करने की जरूरत थी। यह जॉन राइट ने सोचा। फिर उनको फिल्म देखने के लिए भेज दिया गया।”
फिल्म देखने के बाद डबल सेंचुरी
आकाश चोपड़ा ने आगे बताया, “वीरू भी उनके साथ देखने गए थे मूवी। मूवी इंग्लिश में थी। वीरू को समझ में आई नहीं। उन्होंने बाद में कहा कि मैं नहीं जाऊंगा आपके साथ। राहुल द्रविड़ प्रैक्टिस मिस करते हैं। पहली बार उन्होंने अपने करियर में काम किया कि टेस्ट मैच दो दिन में शुरू हो रहा है पर प्रैक्टिस मिस कर रहे हैं। वापस आए और फिर डबल सेंचुरी लगाया। दूसरी पारी में भी उन्होंने रन बनाए। विनिंग रन उनके बल्ले से आते हैं। वो जो एडिलेड का टेस्ट मैच है उसे हमेशा राहुल द्रविड़ के टेस्ट मैच के तौर पर याद किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने इसे दोहराने का प्रयास किया। मैच से पहले दो दिन छोड़ सकते हो प्रैक्टिस तो छोड़ दो। सबसे महत्वपूर्ण चीज मैंने सीखी वो यह थी कि अगर पूरे साल आपने मेहनत की हो तो एग्जाम से पहले रिवीजन नहीं भी करोगे तो काम हो जाएगा, क्योंकि आपकी मेहनत उतनी पुख्ता है।”