अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ड फ्लॉयड की मौत के बाद नस्लवाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। खिलाड़ी भी इसके विरोध में उतर आए हैं। क्रिस गेल, डैरेन सैमी, माइकल होल्डिंग जैसे दिग्गजों ने क्रिकेट में भी नस्लवाद होने का आरोप लगाया है। क्रिकेट जेंटलमैन स्पोर्ट्स कहा जाता है। हालांकि, कई ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जब इसमें नस्लीय और रंगभेद टिप्पणियां सुनने को मिलीं। आइए ऐसे ही कुछ खास विवादों पर नजर डालें, जिनके कारण क्रिकेट शर्मसार हुआ।

जनवरी 2019 में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर थी। मेहमान टीम की कमान सरफराज अहमद के हाथों में थी। दूसरे वनडे में पाकिस्तान 5 विकेट से हार गिया। उस मुकाबले के दौरान एक ऐसी घटना जिसके चलते सरफराज विवादों में घिर गए।। सरफराज ने दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर एंडिल फेहलुकवायो पर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा। सरफराज ने फेहलुकवायो से कहा था, अबे काले, तेरी अम्मी आज कहां बैठी हैं? क्या पढ़वा के आया है आज। उस मैच में फेहलुकवायो की किस्मत उनका बहुत साथ दे रही थी। सरफराज ने बाद में फेहलुकवायो से माफी मांगी थी।

इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोइन अली ने आरोप लगाया कि सितंबर 2015 में एशेज में कार्डिफ टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के एक खिलाड़ी ने उनके खिलाफ नस्लभेदी टिप्पणी की है। मोइन ने अपनी आत्मकथा में लिखा, ‘ऑस्ट्रेलिया के एक खिलाड़ी ने मैदान पर मुझसे कहा यह लो ओसामा। मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि यह सब क्या है। उस समय मुझे बहुत गुस्सा आया। मुझे क्रिकेट के मैदान पर कभी भी इतना गुस्सा नहीं आया था।’

जनवरी 2008 में मंकी गेट विवाद हुआ। भारत के खिलाफ सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एंड्रयू सायमंड्स ने आरोप लगाया कि ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने उन्हें मंकी कहा है। मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर ने हरभजन पर तीन मैचों का प्रतिबंध लगा दिया। भारत ने इसके खिलाफ अपील की। बाद में उन्हें 50% मैच फीस का जुर्माना भरना पड़ा। सचिन तेंदुलकर ने अपनी किताब में लिखा कि उन्होंने हरभजन को मंकी नहीं बल्कि, उत्तर भारत की एक गाली देते सुना था, जो मंकी से मिलती-जुलती सुनाई पड़ती है।

अगस्त 2006 की घटना है। कोलंबो में श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच चल रहा था। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस कमेंट्री बॉक्स में थे। उन्होंने लाइव कमेंट्री के दौरान दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर हाशिम अमला के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था। मैच के दौरान जब अमला ने कुमार संगाकारा का कैच लपका तो जोंस ने कहा, ‘टेररिस्ट (आतंकवादी) ने एक और विकेट ले लिया।’ इसके बाद ब्रॉडकास्टर ने जोंस को कमेंट्री टीम से हटा दिया था।

मई 1976 में इंग्लैंड के तत्कालीन कप्तान टोनी ग्रेग के बयान से काफी विवाद हुआ था। उन्होंने कैरेबियाई क्रिकेटरों के लिए grovel शब्द का इस्तेमाल किया था। ग्रेग ने कहा था, आपको याद रखना चाहिए कि वेस्टइंडीज… अगर वे पिछड़ रहे हैं तो वे औंधे हो जाते हैं और मैंने जानबूझकर… उन्हें ऐसा किया। Grovel शब्द का संबंध कैरेबियाई लोगों के पूर्वजों से था। इनमें से कई के पूर्वजों को यहां दास के रूप में लाया गया था। ग्रेग के इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ था।