आर स्पिनर की पहचान दुनिया के बेहतरीन स्पिनरों में होती है और पूरी दुनिया में उनकी प्रभावशाली गेंदबाजी का डंका बजता है। 36 साल के हो चुके अश्विन भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में अब भी सबसे बेहतरीन हथियार हैं, लेकिन दुनिया के इस नंबर एक टेस्ट गेंदबाज को आईसीसी टेस्ट चैपियनशिप 2023 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका नहीं दिया गया। आर अश्विन को इस टेस्ट मैच से बाहर रखने के लिए टीम इंडिया की काफी आलोचना की गई। वहीं अश्विन ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वो एक गेंदबाज बने।
जब आर अश्विन से पूछा गया कि सुनील गावस्कर ने हाल ही में कहा था कि स्पिनर और गेंदबाजों को लेकर कुछ अलग ही नियम हैं, लेकिन बल्लबाजों को लेकर ऐसा नहीं है। गावस्कर ने यह बात अश्विन को टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं खेलने को लेकर कही थी। इसका जबाव देते हुए अश्विन ने कहा कि यह एक सच्ची कहानी है। मैं एक दिन भारत-श्रीलंका मैच देख रहा था और उस मैच में भारत की गेंदबाजी चरमरा गई थी।
उन्होंने कहा कि मेरे पसंदीदा सचिन तेंदुलकर थे और वो जो भी रन बनाते थे गेंदबाज खराब प्रदर्शन से उसे लीक कर देते थे। इसके बाद मैं सोचता था कि मुझे गेंदबाज होना चाहिए। क्या मैं मौजूदा गेंदबाजों से बेहतर नहीं हो सकता। हालांकि ये सोचने का बहुत ही बचकाना तरीका था, लेकिन मैंने ऐसा ही सोचा और मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की और फिर मेरे गेंदबाज बनने की कहानी भी यहीं से शुरू हुई।
इसके बाद अश्विन ने कहा कि हालांकि जब मैं संन्यास लूंगा तो सबसे पहले मुझे इस बात का पछतावा होगा कि मैं इतना अच्छा बल्लेबाज था तो मुझे कभी गेंदबाज नहीं बनना चाहिए था। इस धारणा से मैंने लगातार लड़ने की कोशिश की है, लेकिन गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए अलग-अलग पैमाने हैं और इनके साथ अलग-अलग ट्रीटमेंट किया जाता है। मैं समझता हूं कि बल्लेबाजों के लिए क्रिकेट सिर्फ एक गेंद का खेल है और उन्हें मौके की जरूरत है।