Pro Kabaddi 2018 Auction, VIVO Pro Kabaddi 2018: प्रो कबड्डी लीग सीजन-6 की नीलामी में दीपक हुड्डा पहले करोड़पति खिलाड़ी बने। यूं तो इस बोली में कुल छह खिलाड़ियों ने एक करोड़ रूपए को पार कर इतिहास रच दिया लेकिन दीपक इनमें खास रहे। 10 जून 1994 को हरियाणा में दीपक का जन्म एक किसान परिवार में हुआ। घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। महज 4 साल की उम्र में मां की मौत हो गई। पिता राम निवास ने मां और बाप दोनों की ही भूमिका निभाते हुए दीपक को पाला लेकिन बदकिस्मती ने यहां भी साथ नहीं छोड़ा। दीपक 12वीं में ही पढ़ रहे थे कि सिर से पिता का साया भी उठ गया।

दीपक घर में सबसे बड़े थे, सो रोजी-रोटी कमाने के लिए खुद को ही झोंकना पड़ा। पढ़ाई छोड़ दी और दो वक्त की रोटी के लिए जुट गए। हालांकि पढ़ाई भले ही छोड़नी पड़ी लेकिन परिस्थिति से हार नहीं मानी। बचपन से ही कबड्डी का शौक था। 15 साल की उम्र में अपने गांव की ही मिट्टी में कबड्डी खेलनी शुरू की।

 

कबड्डी में दीपक का स्किल बेहद शानदार था। शायद इसी खेल के लिए ही बने थे। या फिर आस-पास के माहौल ने इसकी बारीकियां सिखा दीं। बेहद कम उम्र में बड़े-बड़ों को धूल चटा दी और आस-पास के इलाके में भी फेमस हो गए। खेल से थोड़ा-बहुत पैसा आया, तो ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू कर दी। दीपक को ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल गया और 2014 में सीनियर लेवल टूर्नामेंट में उनकी टीम ने गोल्ड जीता। फिर नेशनल टीम में स्थान मिला तो 2016 में एशियाई खेलों में टीम को गोल्ड दिलाया।

2014 में प्रो कबड्डी लीग की भी शुरुआत हो गई, जो उनके लिए सुनहरा अवसर रहा। पहले सीजन में तेलुगु टाइटंस ने 12.6 लाख में खरीदा। इसी टीम के साथ अगला सीजन भी खेला। अगले तीन सीजन के लिए पुणेरी पल्टन ने अपने साथ जोड़ा। पांचवें सीजन में पुणेरी की कप्तानी मिली, तो बेहतरीन प्रदर्शन के दम टीम को प्लेऑफ तक भी पहुंचा दिया। दीपक जबरदस्त ऑलराउंडर साबित हुए और कड़ी मेहनत का फल उन्हें छठे सीजन में मिला।

सीजन-6 में छह खिलाड़ियों को एक करोड़ या उससे ज्यादा में खरीदा गया। मोनू गोयत पर हरियाणा स्टीलर्स ने सबसे अधिक 1.51 करोड़ रुपये की बोली लगाई। ईरान के फजल अत्राचली प्रो कबड्डी लीग की बोली में एक करोड़ की रकम पाने वाले पहले खिलाड़ी बने, जिन्हें यू मुंबा ने अपनी टीम के साथ जोड़ा। वहीं दीपक हुड्डा पीकेएल के इतिहास में करोड़पति ग्रुप में शामिल होने वाले पहले भारतीय बने। जयपुर पिंक पैंथर्स ने उन्हें 1.15 करोड़ रुपये में खरीदा। राहुल चौधरी पर दूसरी सर्वाधिक बोली दिल्ली ने लगाई गई लेकिन तेलूगु टाइटन्स ने ‘फाइनल बिड मैच’ के जरिये उन्हें 1.29 करोड़ रुपये में खरीद लिया।