भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ओपनर प्रतिका रावल महिला विश्व कप के आखिरी लीग मैच में बांग्लादेश के खिलाफ चोटिल होने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं। उसके बाद उनकी जगह शेफाली वर्मा को टीम में जगह दी गई थी। शेफाली ने फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड जीता और टीम को विश्व विजेता बनाने में अहम योगदान निभाया। इस जीत के बाद प्रतिका भी व्हीलचेयर पर दिखी थीं और टीम के साथ जश्न में शामिल हुई थीं। मगर आईसीसी द्वारा उन्हें वर्ल्ड कप विनर मेडल नहीं मिला था। क्योंकि नियम के मुताबिक वह स्क्वाड से बाहर हो चुकी थीं।
इसके बाद जब भारतीय महिला टीम पीएम मोदी से मिली तो प्रतिका के गले में मेडल दिखा था। वहीं टीम फोटोशूट में अमनजोत बिना मेडल के दिखी थीं। यह फोटो काफी वायरल भी हुई। उसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के दौरान प्रतिका और अमनजोत दोनों ने मेडल पहन रखा था। इसके बाद कंफ्यूजन बढ़ गया था। अब इस पर से खुद प्रतिका ने पर्दा हटाया है। WION से बात करते हुए प्रतिका रावल ने खुद बताया है कि जय शाह के हस्तक्षेप के बाद उन्हें मेडल मिल गया है।
कैसे प्रतिका रावल को मिला विश्व कप मेडल?
प्रतिका रावल ने बताया कि उन्हें आखिरकार खुद का मेडल मिल चुका है। उन्होंने कहा,”मेरे पास मेरा खुद का मेडल है। मुझे टीम मैनेजर से कॉल आया और उन्होंने बताया कि जय शाह सर ने मेरे लिए मेडल अरेंज करवाया है। और अब मुझे खुद का मेडल मिल गया है। मैंने जब उस मेडल का बॉक्स खोला तो मैं काफी भावुक थी और कई सारे इमोशन मेरे अंदर थे जिन्हें मैं बता नहीं सकती।”
विश्व कप 2025 में कैसा रहा प्रतिका का प्रदर्शन?
प्रतिका रावल के महिला विश्व कप 2025 में प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने भारतीय टीम के लिए सातों लीग मैच खेले थे लेकिन वह चोट के कारण आखिरी मैच में बल्लेबाजी नहीं कर पाई थीं। उन्होंने छह पारियों में से एक शतक और एक अर्धशतक लगाया था। न्यूजीलैंड के खिलाफ 122 रन का स्कोर उनका सर्वोच्च स्कोर था और इस मैच को जीतकर ही भारत फाइनल में पहुंचा था।
प्रतिका रावल ने पूरे टूर्नामेंट की 6 पारियों में 50 से अधिक की औसत से 308 रन बनाए थे। उनके नाम इस टूर्नामेंट में दो विकेट भी दर्ज थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहम लीग मैच में भी 75 रनों की पारी खेली थी। इंग्लैंड के खिलाफ 6 रन की पारी छोड़कर हर मैच में उन्होंने टीम को अच्छा स्टार्ट दिया था। मगर दुर्भाग्यवश वह सेमीफाइनल और फाइनल नहीं खेल पाई थीं।
