भारत में स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी हासिल करने की बात नई नहीं है। देश में बहुत सारे लोगों ने सिर्फ इसलिए ही खेलों से अपना संबंध बनाया ताकि उन्हें सरकारी नौकरी स्पोर्ट्स कोटे से मिल सके। इसमें टीम इंडिया के अनुभवी लेग स्पिनर पीयूष चावला का नाम भी शामिल है। उन्होंने स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी हासिल करने के लिए क्रिकेट खेलनी शुरू की, लेकिन बाद में इससे उनका नाता गहरा होता चला गया और वे देश के लिए खेलने में सफल हुए। पीयूष ने इसके बारे में कपिल शर्मा के शो पर खुलासा किया था।

दरअसल, कपिल शर्मा के शो पर एक बार युजवेंद्र चहल के साथ पीयूष चावला एक बार गए थे। उस दौरान दोनों ने कई सवालों के जवाब दिए। कपिल अपनी शो पर अफवाहों की पुष्टि के लिए मेहमानों से सवाल करते हैं। इस दौरान उन्होंने पीयूष से पहला सवाल पूछा, ‘‘आपको ग्राउंड पर इतनी तेज टॉयलेट आती है कि आपने मैनजेमेंट से कहा है कि ड्रिंक ब्रेक के साथ-साथ टॉयलेट ब्रेक भी होना चाहिए।’’ इस पर पीयूष ने बताया, ‘‘नहीं, बिल्कुल गलत है। अंपायर से परमिशन लेकर आप ऐसे ही चले जाते हैं।’’

इसके बाद कपिल ने पूछा कि उतनी फील्डिंग कौन करता है तो पीयूष ने मजाकिया अंदाज में कहा कि उतनी देर वो फील्डिंग करता है जो पहले ही टॉयलेट कर चुका होता है। कपिल ने पीयूष से अगला सवाल किया, ‘‘आपने क्रिकेट खेलना इसलिए शुरू किया कि आपको विदेश जाना था।’’ इस पर पीयूष ने कहा, ‘‘ये भी एक कारण है। इसके अलावा पढ़ाई में मन नहीं लगता था बिल्कुल। तो मुझे लगता था कि क्रिकेट ही खेल लो जाकर। पापा ने भी कहा था कि क्रिकेट ही खेल ले। कहीं नौकरी भी मिल ही जाएगी स्पोर्ट्स कोटे से। इसके बाद मैंने कहा ठीक है और भी शुरू कर दिया।’’

पीयूष चावला ने जब 2007 में वर्ल्ड टी20 में हिस्सा लिया था तब वो 18 साल के थे। उस टूर्नामेंट में टीम इंडिया चैंपियन बनी थी। इसके बाद पीयूष 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के भी सदस्य थे। उस समय वे 22 साल के थे। पीयूष जब पहली टीम के लिए चुने गए थे तो उस समय 17 साल के थे। वे सचिन तेंदुलकर के बाद भारत के लिए खेलने वाले दूसरे युवा खिलाड़ी हैं। उन्होंने 3 टेस्ट में 7, 25 वनडे में 32 और 7 टी20 में 4 विकेट लिए हैं। उन्होंने देश के लिए आखिरी मैच इंग्लैंड के खिलाफ 2012 में मुंबई में खेला था। पीयूष ने आईपीएल के 164 मैच में 156 विकेट चटकाए हैं। वे फिलहाल महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपरकिंग्स में हैं।