पेरिस पैरालंपिक में भारत की शुरुआत शानदार रही। पेरिस पैरालंपिक के दूसरे दिन भारत ने चार मेडल जीते। चार में से तीन मेडल शूटिंग और एक मेडल एथलेटिक्स (ट्रैक इवेंट) में आया। हर मेडल के साथ भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रचा। ये सभी चार मेडल महज दो घंटे में आए। बैक टू बैक मेडल ने यह उम्मीद जगा दी है कि भारतीय दल पेरिस में 25 मेडल का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
दिन की शुरुआत में खाली थी भारत की झोली
30 अगस्त, दोपहर तीन बजे तक मेडल टैली में भारत के खाते में कोई मेडल नहीं था। इसके बाद शुरू हुआ महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) इवेंट। भारत के लिए टोक्यो में गोल्ड जीतने वाली अवनी लेखरा और पहली बार पैरालंपिक खेल रही मोना अग्रवाल ने यहां चुनौती पेश की।
अवनी और मोना ने एक ही इवेंट में जीता मेडल
अवनी लेखरा ने टोक्यो के बाद पेरिस पैरालंपिक में भी नये रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता जबकि भारत की मोना अग्रवाल को ब्रॉन्ज मेडल मिला। तीन साल पहले टोक्यो में गोल्ड जीतने वाली 22 वर्ष की अवनी ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया। मोना ने 228.7 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। यह पहला मौका था जब किसी एक शूटिंग इवेंट में भारत के दो पैरा निशानेबाज पोडियम पर पहुंचे।
प्रीति पाल ने रचा इतिहास
इस इवेंट के लगभग एक घंटे बाद महिलाओं का टी35 वर्ग की 100 मीटर फाइनल शुरू हुआ जहां भारत की प्रीति पाल चुनौती पेश कर रही थी। में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीता। तेईस साल की प्रीति का कांस्य पदक पेरिस पैरालंपिक की पैरा एथलेटिक्स में भारत के इतिहास का पहला पदक है। इस इवेंट के बाद भारत की मेडल संख्या तीन हो गई।
मनीष नरवाल ने सिल्वर जीतकर भी रचा इतिहास
शाम साढ़े पांच बजे पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच 1) इवेंट में भारत के मनीष नरवाल एक्शन में थे। मनीष ने टोक्यो में गोल्ड मेडल जीता था, ऐसे में उनसे फिर से मेडल की उम्मीद थी। मनीष नरवाल अपने गोल्ड को डिफेंड नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। मनीष ने 234 . 9 स्कोर किया जबकि जियोंगडू ने 237 . 4 स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता। नरवाल क्वालीफिकेशन दौर में 565 स्कोर करके पांचवें स्थान पर रहे थे। वह लगातार दो पैरालंपिक्स में मेडल जीतने वाले देश के पहले पैरा शूटर बने। इस तरह तीन बजे तक बिना किसी मेडल के टैली में मौजूद भारत के खाते में शाम छह बजे तक चार मेडल आ गए।