Para Badminton World Championships: पैरालंपिक चैंपियन प्रमोद भगत और उभरती हुई खिलाड़ी मनीषा रामदास ने रविवार 6 नवंबर को टोक्यों में स्वर्ण पदक जीते। प्रमोद और मनीषा की जीतने के बाद बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में भारत के कुल पदकों की संख्या 16 हो गई। हालांकि, प्रमोद भगत और मनोज सरकार की जोड़ी को पुरुष युगल एसएल3-एसएल4 वर्ग में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

भारतीय जोड़ी एक गेम की बढ़त के बाद मैच गंवा बैठी। उन्हें इंडोनेशिया के हिकमत रामदानी और उकुन रुकाएंडी से 21-14 18-21 13-21 से हार मिली। शीर्ष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों में बासेल 2019 चैंपियन रही मानसी जोशी और नित्या स्रे ने कांस्य पदक जीते।

प्रमोद भगत पहले कोर्ट पर उतरे। उन्होंने शानदार तरीके से पुरुष एकल एसएल3 वर्ग का खिताब अपने नाम किया। प्रमोद भगत ने 53 मिनट तक चले फाइनल में हमवतन नीतेश कुमार को 21-19 21-19 से पराजित कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

वहीं, 17 साल की मनीषा के लिए यह स्वर्ण पदक सपने को साकार करने जैसा था। मनीषा ने स्थानीय स्टार मामिको तोयोडा को 21-15 21-15 से हराकर महिला एकल एसयू5 वर्ग का स्वर्ण पदक दिया। मनीषा ने पूरे मैच के दौरान दबदबा बनाए रखा। मनीषा ने इस साल मार्च में ही सीनियर अंतरराष्ट्रीय में खेलना शुरू किया था।

चेन्नई की इस खिलाड़ी के लिए यह निश्चित रूप से उपलब्धि रही। स्वर्ण पदक जीतने के बाद मनीषा ने कहा, ‘यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा पल रहा। मुझे इस क्षण का इंतजार था और इसके लिए पिछले कुछ महीनों मैंने काफी कड़ी मेहनत की है। विश्व चैंपियन बनना शानदार अहसास है। मुझे उम्मीद है कि मैं भविष्य में ऐसे नतीजे हासिल कर देश को गौरवान्वित करना जारी रखूंगी।’

प्रमोद भगत के विश्व चैंपियनशिप में 6 स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य मिलाकर कुल 11 पदक हो गए हैं। वह 2007 और 2017 विश्व चैंपियनशिप को छोड़कर सभी चरण के फाइनल्स में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘फिर से विश्व चैंपियन बनना शानदार अहसास है। यह साल मेरे लिए अच्छा रहा है। साल का अंत एक और उपलब्धि से करना अद्भुत है।’

प्रमोद भगत ने कहा, ‘मैच आसान नहीं था, क्योंकि हम एक दूसरे का खेल और रणनीति जानते थे। नीतेश दूसरे गेम में वापसी कर रहा था, लेकिन उसके खिलाफ जीत हासिल कर खुश हूं।’ उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए बड़ी जीत है। इससे पता चलता है कि मैं सही दिशा में आगे बढ़ रहा हूं।’