विभिन्न खेलों से जुड़े पैरा एथलीटों ने चंडीगढ़ में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सरकारी आवास के बाहर विरोध प्रदर्श किया है। पंजाब सरकार के खिलाफ नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए इन खिलाड़ियों ने आत्मदाह तक की चेतावनी दी है। भारत के लिए पदक जीत चुके पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी संजीव कुमार और पैरा कराटे खिलाड़ी तरुण शर्मा सहित दर्जनों खिलाड़ियों ने अपने कपड़े उतारकर सड़क पर अपने मेडल फेंके और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को मेडल दिला चुके पैरा-एथलीटों ने कहा कि वे अपने पैसों से विदेश में खेलने जाते हैं। देश के लिए मेडल जीत कर लाते हैं लेकिन उन्हें सालों से नौकरी के लिए भटकना पड़ रहा है।
व्हीलचेयर बैडमिंटन खिलाड़ी संजीव कुमार ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि, ‘वे पंजाब के अकेले पैरा बैडमिंटन प्लेयर हैं। उन्होंने देश के लिए 13 इंटरनेशनल मेडल जीते हैं जिसमें 5 गोल्ड शामिल हैं। पिछले 13 साल से नौकरी के लिए भटक रहा हूं। आश्वासन मिला लेकिन नौकरी नहीं मिली।’
संजीव कुमार ने बताया कि उनसे हमेशा वादा किया जाता है लेकिन आज तक उस वादे को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने ये भी कहा कि एबल खिलाड़ियों की तरह स्पोर्ट्स कोटा में हमे क्यों नहीं नौकरी मिल रही। अन्य एबल खिलाड़ी एसपी, डीएसपी बनाए जा रहे हैं लेकिन हमने भी देश के लिए मेडल जीता है और हमें कुछ नहीं मिला।
देश के लिए मेडल जीतने वाला खिलाड़ी सब्जी बेचने को मजबूर
वहीं पैरा कराटे खिलाड़ी तरुण शर्मा बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने अपनी दर्द भरी दास्तां सुनाते हुए बताया कि कैसे देश के लिए मेडल जीतने के बावजूद वे लुधियाना के खन्ना में सब्जी की रेडी लगाकर गुजारा कर रहे हैं। रोते हुए अपने आंसुओं को पोछते हुए तरुण ने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर 12.5 लाख रुपए का कर्जा है। ये पैसा उन्होंने प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए खर्च किया। 7 देशों में जाकर उन्होंने देश के लिए 9 मेडल जीते लेकिन सरकार ने उन्हें कुछ नहीं दिया और आज वे सब्जी बेच रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी गरीबी के चलते अपनी मां के गहने तक बेंच दिए। साढ़े चार साल से वे सरकार से नौकरी की गुहार कर रहे हैं। अगर अब भी उनकी मांग को नहीं सुना गया तो आज वे यहां से नहीं जाएंगे और आत्मदाह कर लेंगे।
पैरा खिलाड़ियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मीडिया के सामने अपना दुख साझा किया। इन खिलाड़ियों ने अपनी आर्थिक तंगी और सरकार द्वारा किए गए वादों की सच्चाई को सबके सामने रखा। फिलहाल सीएम आवास के बाहर अब तक इन खिलाड़ियों से बात करने कोई भी अधिकारी नहीं सामने आया है। सरकार इन जांबाजों के साथ कब न्याय करेगी अब ये देखने वाली बात होगी।